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हैपेटाईटिस के प्रति लोगों को जागरूक करने से बच सकती है कीमती जाने: गीतांजली सिंह

सीनियर मेडिकल अफसर डा. गीतांजली सिंह की अगुवाई में सेहत ब्लाक मुजफ्फरपुर के अधीन स्थित कम्युनिटी सेहत केंद्र राहों में विश्व हैपेटाइटस दिवस मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 10:44 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 10:44 PM (IST)
हैपेटाईटिस के प्रति लोगों को जागरूक करने से बच सकती है कीमती जाने: गीतांजली सिंह
हैपेटाईटिस के प्रति लोगों को जागरूक करने से बच सकती है कीमती जाने: गीतांजली सिंह

जागरण संवाददाता, नवांशहर:

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सीनियर मेडिकल अफसर डा. गीतांजली सिंह की अगुवाई में सेहत ब्लाक मुजफ्फरपुर के अधीन स्थित कम्युनिटी सेहत केंद्र राहों में विश्व हैपेटाइटस दिवस मनाया गया। इस साल के विश्व हैपेटाईटिस दिवस का विषय हैपेटाइिटस इंतजार नहीं कर सकता था। जो साल 2030 तक हैपेटाईटिस को सार्वजनिक सेहत के लिए खतरे के तौर पर खत्म करने की मानवीय कोशिशों को जाहिर करता है।

इस मौके पर सीनियर मेडिकल अ़फसर डा. गीतांजली सिंह ने अपने संदेश में हैपेटाईटिस के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके साथ त्वचा और आंखें पीली, हलका बु़खार, मासपेशियों में दर्द, उलटी, पेशाब का रंग पीला हो जाता है। उन्होंने कहा कि आओ, इस विश्व हैपेटाईटिस दिवस के मौके पर हम सभी इकट्ठा हों और समाज को हैपेटाईटिस के कारणों और नतीजों के बारे में सचेत करें। उन्होंने बताया कि हैपेटाईटिस जिगर की एक बीमारी है, जो कि वायरस के कारण फैलती है। उन्होंने बताया कि यदि इसका समय पर इलाज न किया जाये तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि दुनिया में हर साल यह बीमारी करीब 14 लाख लोगों की मौत का कारण बनती है। इस बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ कई कीमती जानें को बचाया जा सकता है।

डा. सिंह ने बताया कि हैपेटाईटस ए और ई दूषित पानी पीने, सड़े गले फल खाने या बिना हाथ धोए खाना खाने से फैलती है। हैपेटाईटिस बी, सी और डी, जिसको काला पीलिया भी कहा जाता है। नशा करने के लिए सांझे टीके का प्रयोग करना, दूषित खून चढ़ाना, टुथ ब्रुश और रेजर आपस में प्रयोग करना, ग्रसित व्यक्ति के साथ जिस्मानी संबंध बनाना, लंबे समय तक गुर्दों का डायलासिस होना, ग्रसित मां से नवजात बच्चे और शरीर पर टैटू बनाने से यह बीमारी फैलता है। काला पीलिया कहे जाने वाले इस बीमारी के कारण जिगर खराब हो जाता है और कई बार जिगर का कैंसर भी हो जाता है।

हैपेटाईटिस से बचाव के लिए पीने वाला पानी साफ स्त्रोतों से लेना, सड़े-गले व ज्यादा पके हुए फल खाने से परहेज, खाना खाने से पहले हाथ धोना और शौचालय के लिए खुले मैदानों में जाने के स्थान पर शौचालयों का प्रयोग करना चाहिए। इस बीमारी से बचाव के लिए सुरक्षित जीवनशैली अपनाकर व समय -समय पर डाक्टरी जांच करवाना चाहिए। इस मौके पर डा. गुरपिदर कौर, ब्लाक एक्स्टेंशन ऐजूकेटर मनिदर सिंह, स्टाफ नर्स उषा रानी और एएनएम हरजिदर कौर समेत सेहत विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।


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