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दो घंटे की बरसात से कहीं राहत, तो कहीं बढ़ी परेशानी

जिले के लोग पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी से परेशान हो चुके थे। वह रोजाना ही बारिश का इंतजार करते थे व बारिश नही होती थी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 08:08 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 08:08 PM (IST)
दो घंटे की बरसात से कहीं राहत, तो कहीं बढ़ी परेशानी
दो घंटे की बरसात से कहीं राहत, तो कहीं बढ़ी परेशानी

जागरण संवाददाता, नवांशहर

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जिले के लोग पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी से परेशान हो चुके थे। वह रोजाना ही बारिश का इंतजार करते थे व बारिश नही होती थी। अब शनिवार दो घंटे तक हुई। सुबह नौ बजे से लेकर 11 बजे तक हो रही बारिश के कारण जहां मौसम सुहावना हो गया, वहीं पर रोजाना अपने कार्यस्थल पर जाने वाले लोगों को परेशानी की सामना करना पड़ा। कई दुकानें भी 11 बजे के बाद ही खुल पाई।

बारिश के कारण कई स्कूली बच्चे भी स्कूल नही जा पाए। बारिश के बाद लोगों ने राहत की सांस ली, वहीं तापमान में चार डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है।

दो दिन पहले 33 डिग्री था तापमान

जहां दो दिन पहले शहर का तापमान 33 डिग्री पर पहुंच गया था वहीं शनिवार को अधिकतम तापमान 29 डिग्री दर्ज किया गया। सारा दिन ही आसमान पर बादल छाए रहे। बारिश के कारण कम हुए तापमान के कारण लोगों ने कूलर पर एसी को चलाना बंद कर दिया। मौसम में आए इस परिवर्तन के कारण लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे।

जलजमाव के कारण उठानी पड़ी परेशानी

वहीं दो घंटे की बारिश के कारण शहर के कुछ स्थानों पर पानी जमा हो गया। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। आंबेडकर चौक पर पानी जमा होने के कारण सवारियों को बसों में चढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

धान के लिए फायदेमंद है बारिश

मुख्य कृषि अधिकारी डा.राजकुमार ने कहा कि यह बारिश धान की फसल के लिए बेहद फायदेमंद है। बरसात के पानी से फसल ज्यादा पैदा होती है। यह बारिश किसानों के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि बारिश का पानी फसलों के लिए हमेशा ही फायदेमंद होता है।

बढ़ सकते हैं मौसमी बीमारियों के मरीज

सिविल अस्पताल नवांशहर की एसएमओ डा. मनदीप कमल का कहना है कि मौसम में परिवर्तन हो रहा है। इस मौसम में बच्चों व बुजुर्गों को बच कर रहना चाहिए। बारिश के पानी में नहीं भीगना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौसम में अचानक हो रही तब्दीली के कारण अस्पताल में आने वाले मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। रोजाना की ओपीडी से 40 से लेकर 50 तक मरीजों की संख्या बढ़ गई है। यह सभी मरीज खांसी, जुकाम व बुखार के ही हैं। इसके अलावा यह मौसम डेंगू की बीमारी के लिए अनुकुल है। लोगों को पानी को जमा नही होने देना चाहिए।


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