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छठ पूजा को लेकर उमड़े खरीदार, बाजार हुए गुलजार

छठ पूजा को लेकर बाजार सज गए हैं। शहर में छठ पूजा में प्रयोग किए जाने वाले सामान के जगह- जगह स्टाल लग गए हैं और लोग पूजा के लिए खरीदारी कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 12:23 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 12:23 AM (IST)
छठ पूजा को लेकर उमड़े खरीदार, बाजार हुए गुलजार
छठ पूजा को लेकर उमड़े खरीदार, बाजार हुए गुलजार

जागरण संवाददाता,नवांशहर : छठ पूजा को लेकर बाजार सज गए हैं। शहर में छठ पूजा में प्रयोग किए जाने वाले सामान के जगह- जगह स्टाल लग गए हैं और लोग पूजा के लिए खरीदारी कर रहे हैं। छठ पूजा में प्रयोग होने वाली लगभग पूरी सामग्री स्टालों पर मिल रही हैं। नारियल, हल्दी, बांस की टोकरी, फल, मौली, देसी घी, परफ्यूम, चकोतरा, सीताफल, सिघाड़ा, गंगा जल, जनेऊ, केसर, सूतली सहित कई तरह का सामान दुकानों पर सजाया गया है। भक्तजन बड़ी संख्या में 20 नवंबर शुक्रवार को सारा दिन व्रत रख कर पूजा करेंगे। 21 नवंबर को तड़के चार बजे अ‌र्घ्य देने के लिए पूजा अर्चना शुरू कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पर्व के दौरान भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। पर्व में शुद्धता व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है।

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सूर्य के साथ षष्ठी तिथि का है महत्व

ग्रंथों में छठ पर्व को सूर्य षष्ठी कहा गया है। इसमें सूर्य और षष्ठी का पूजन होता है। षष्ठी देवी को छोटे बच्चों की रक्षिका देवी माना जाता है। पंडित हर्षवर्धन ने बताया कि मार्कंडेय पुराण में लिखा है कि यह समस्त बालकों की रक्षिका देवी है। प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इसे छठ कहा जाता है। संसार में तीन एषणाएं होती हैं पुत्रैषणा, वित्तैषणा और लोकैषणा। भगवान सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं और वह समस्त अभीष्टों को प्रदान करने में सक्षम हैं। इसलिए इस व्रत का महात्म्य है। बृहस्पतिवार - खरना

शुक्रवार- अस्तगामी सूर्य की पूजा

शनिवार -उदय होते सूर्य की पूजा के साथ छठ पर्व का समापन

छठ पूजा की पूरी सामग्री की लिस्ट-

1. व्रत रखने वाले के लिए नए वस्त्र जैसे साड़ी, सूट और पुरुषों के लिए कुर्ता-पजामा या जो उनको पसंद हो।

2. बांस का बना हुआ सूप। कुछ लोग पीतल सूप का भी प्रयोग करते हैं।

3. बांस की दो बड़ी-बड़ी टोकरियां। इसमें छठ पूजा का प्रसाद रखा जाता है।

4. दूध तथा जल रखने के लिए एक ग्लास, एक लोटा और थाली खरीद लें।

5. पूजा में प्रयोग के लिए 5 गन्ने, जिसमें पत्ते लगे हों।

6. हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा।

7. पानी वाला हरा नारियल।

8. शरीफा, केला, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू।

9. दीपक, चावल, सिदूर और धूप।

10. पान और साबुत सुपारी।

11. शकरकंदी।

12. मिठाई।

13. शहद।

14. चंदन, अगरबत्ती या धूप, कुमकुम तथा कपूर।

15. गेहूं और चावल का आटा तथा गुड़।

खरना वाले दिन बनता है प्रसाद

खरना वाले दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाता है। छठ पूजा के लिए प्रसाद में ठेकुआ जरूर बनाया जाता है। यह गेहूं के आटे, गुड़ या चीनी मिलाकर तैयार किया जाता है। इसके अलावा चावल के आटे से कसार भी बनाया जाता है। एक तरह से यह चावल के आटे से बना लड्डू होता है।

बांस के टोकरे में रखी जाती है पूजा सामग्री

सूर्य देव को अ‌र्घ्य देने तथा छठ मैया की पूजा के लिए डाल सजाया जाता है। बांस के बड़े टोकरे में पूजा की सामग्री, प्रसाद आदि रखा जाता है। परिवार का पुरुष सदस्य उस डाल को सिर पर रखकर घाट तक पहुंचाता है। वहां पर छठ मैया की पूजा होती है तथा उगते और डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा संतान की कामना, उसके सुखी तथा सफल जीवन के लिए की जाती है। छठ पूजा में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।


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