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अस्पताल में मनाया पाठी के पॉजिटिव पोते का जन्मदिन, सरप्राइज गिफ्ट भी दिया

सिविल अस्पताल नवाशहर ने एक अनूठी पहल करते हुए कोरोना से जान गंवाने वाले पाठी के पोते का जन्मदिन आइसोलेशन वार्ड में ही मनाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 11:36 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 06:04 AM (IST)
अस्पताल में मनाया पाठी के पॉजिटिव पोते का जन्मदिन, सरप्राइज गिफ्ट भी दिया
अस्पताल में मनाया पाठी के पॉजिटिव पोते का जन्मदिन, सरप्राइज गिफ्ट भी दिया

जेएनएन, नवाशहर : सिविल अस्पताल नवाशहर ने एक अनूठी पहल करते हुए कोरोना से जान गंवाने वाले पाठी के पोते का जन्मदिन आइसोलेशन वार्ड में ही मनाया। दो साल का यह बच्चा भी परिवार के बाकी सदस्यों की तरह पॉजिटिव हैं। उन सभी को एक साथ अस्पताल में ही भर्ती किया गया है। जन्मदिन मनाने से पहले परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं बताया गया। शाम को डॉक्टरों समेत स्टाफ वार्ड में गया और बच्चे को विश किया। इस दौरान उसे सरप्राइज गिफ्ट भी दिया गया। एसएमओ डॉ. हरविन्दर सिंह ने बताया कि स्टाफ ने सुबह बच्चे की मां को बात करते हुए सुना था कि उनके बेटे का आज दूसरा जन्मदिन है। मां खुद भी वार्ड में ही भर्ती है। उसके बाद उन्होंने चर्चा की और इस दिन को और खास बनाने की योजना बनाई। बता दें कि जर्मनी से इटली होते हुए लौटने वाले पाठी के संपर्क में आने के बाद उनके परिवार व गांव के 18 लोग संक्रमण के प्रभाव में आ गए। पाठी की तो मौत हो गई लेकिन बाकी मौत से जंग लड़ रहे हैं। इसी परिवार का एक सदस्य शनिवार शाम ही कोरोना के प्रभाव से मुक्त हुआ है। दोपहर को उसकी 14 दिन बाद रिपोर्ट आई तो वह निगेटिव थी। पाठी की मौत से परिवार में छा गया था उदासी का आलम

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डॉक्टरों ने बताया कि परिवार के एक सदस्य की मौत हो जाने व बाकी सभी के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सभी तनाव में थे। इलाज के दौरान भी उदासी छाई रहती क्योंकि उनके घर के बच्चे भी महामारी के प्रकोप से नहीं बच पाए थे। उसी कारण उन्होंने सरप्राइज देने का प्लान बनाया। डॉ. हरविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने केक का प्रबंध करने की कोशिश भी की लेकिन क‌र्फ्यू के कारण उपलब्ध नहीं हो पाया। उसी कारण टॉफी, चॉकलेट व एक बेबी सूट को गिफ्ट रैप में लपेट कर दिया गया। उनकी इस छोटी सी कोशिश से परिवार में जीने की नई उम्मीद जगी है। ..ताकि जीने की इच्छा और प्रबल हो

परिवार के सभी सदस्य अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही हैं। उसी कारण उन्हें अपनापन महसूस करवाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है, ताकि दवा के साथ उनकी इच्छाशक्ति भी बीमारी से लड़ने में काम आए। बच्चे में जीने की इच्छा और प्रबल हो और वह मजबूती से कोरोना से लड़ सके, उसी कारण ऐसा छोटा सा प्रयास किया गया। डॉक्टरों के अनुसार जन्मदिन के दौरान दसवीं में पढ़ने वाली परिवार की अन्य बच्ची के चेहरे पर भी उन्होंने पहली बार खुशी देखी।


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