ध्वनि प्रदूषण पर कोर्ट के निर्देशों की हो पालना: चरणजीत
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से ध्वनि प्रदूषण और वातावरण शुद्धता के लिए शुरू किए गए प्रयासों के अंतर्गत नगर कौंसिल दफ्तर में धार्मिक स्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके हर तरह के प्रदूषण की रोकथाम में सहयोग की अपील की।
जागरण संवाददाता, नवांशहर : पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से ध्वनि प्रदूषण और वातावरण शुद्धता के लिए शुरू किए गए प्रयासों के अंतर्गत नगर कौंसिल दफ्तर में धार्मिक स्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके हर तरह के प्रदूषण की रोकथाम में सहयोग की अपील की। सहायक वातावरण इंजीनियर चरणजीत सिंह अनुसार पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड की तरफ से शुरू किए इस प्रयास के अंतर्गत अलग -अलग धार्मिक स्थानों के प्रतिनिधियों को मुहिम में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इन प्रतिनिधिों को जहां अपने -अपने धार्मिक स्थानों में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित ध्वनि प्रदूषण के दिशा -निर्देशों पर सख्ती के साथ पहरा देने में सहयोग की मांग की गई। वहीं उनको वातावरण शुद्धता के लिए हवा, पानी की स्वच्छता मुहिम में भी सहयोग की मांग की गई।
उन्होंने इन धार्मिक स्थानों के प्रतिनिधियों को बताया कि धार्मिक स्थानों में चलाए जाते लाउड स्पीकरों की आवाज धार्मिक स्थान के अंदर सुनी जाएं, उतनी ही रखी जाए और इसके साथ आसपास के लोगों को परेशानी न आए। उन्होंने इसके साथ ही इन स्थानों के ऊपर आने वाली संगत /श्रद्धालुओं को भी प्रदूषण के प्रति जागरूक करने की अपील की, जिसमें हवा, पानी और कूड़ा प्रबंधन आदि के साथ संबंधित सफाई के प्रति जोर दिया गया। इस मौके पर कार्य साधक अफसर राजीव सरीन ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण, हवा प्रदूषण और कूड़े और प्लास्टिक से पैदा होता प्रदूषण केवल वातावरण के लिए ही नहीं, बल्कि मानवता के लिए भी खतरनाक है, इसलिए हमें इसके बुरे प्रभावों के प्रति खुद सचेत रहते हुए, आम लोगों को भी जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थानों पर लोगों की श्रद्धा होने के कारण, यदि इन धार्मिक संस्थाओं से उनको प्रदूषण रोकथाम की अपील की जाए तो इसके साथ उन पर निश्चित रूप से प्रभाव होगा। उन्होंने इसके साथ ही धार्मिक स्थानों से इस्तेमाल किए जाते स्पीकरों की आवाज को भी सर्वोच्च अदालत और हाईकोर्ट की तरफ से निर्धारित आदेशों मुताबिक रखने की अपील की, जिससे आम लोगों, विद्यार्थियों और मरीजों को इससे परेशानी न हो।