35 गांवों के आसपास नहीं कोई वेटरनरी डिस्पेंसरी
सतलुज दोआबा लिक नहर पर सतलुज बांध के साथ लगते गावों के आसपास एक भी वेटरनरी डिस्पेंसरी नही है।
सतीश शर्मा, काठगढ़ : सतलुज दोआबा लिक नहर पर सतलुज बांध के साथ लगते गावों के आसपास एक भी वेटरनरी डिस्पेंसरी नही है। यह सारा क्षेत्र आंसरों से शुरू हो जाता है और कंगना बेट तक लगता है। 35 किलोमीटर के इस क्षेत्र में 35 गांव लगते हैं पर इन गांव में आज तक कोई भी पशुपालन डिस्पेंसरी नहीं बनाई गई है। अगर किसी गांव में किसान के किसी पशु को कोई बीमारी होती है तो उसे नेशनल हाईवे पार करके कस्बा काठगढ के बलाचौर में स्थित वेटर्नरी डॉक्टर या फार्मासिस्ट से संपर्क करना पड़ता है।
राणा करण सिंह सचिव कंडी संघर्ष कमेटी ने कहा कि यह किसानों की एक गंभीर समस्या है। कई बार पशु बीमारियों का शिकार हो चुके हैं और बीमारियों के कारण मर भी चुके हैं। बहुत कम किसानों को पशुओं के मरने का कारण पता नहीं चल सका है क्योंकि वेटरनरी अस्पताल की सुविधा उनसे काफी दूर है।
कई बार की गई मांग, नहीं दिया किसी ने ध्यान
किसान यूनियन राजोवाल के प्रधान चौधरी सुरिदर कुमार ने बताया कि केवल डिस्पेंसरी गोशाला के अंदर है। इसके अलावा क्षेत्र में कहीं भी डिस्पेंसरी नही है। उन्होंने कहा कि कई बार हमने यह मांग भी रखी है पर हर नेता सपने दिखा कर चला जाता है ।
हर किसान के पास 25 से 30 पशु
चौधरी मोहनलाल ने बताया कि किसानों ने यहां पर दूध की डेयरियां खोल रखी हैं। हर किसान के पास 25 से 30 तक भैंसें और गाय भी है। यहां पर पशु पालन डिस्पेंसरी का होना बहुत जरूरी है। कई बार यह मांग भी रखी है पर कोई भी इस समस्या के प्रति ध्यान नहीं देता है।
पंचायत भेजें प्रस्ताव : विमल शर्मा
डिप्टी डायरेक्टर पशुपालन विभाग शहीद भगत सिंह नगर विमल शर्मा ने बताया कि क्षेत्र की पंचायतें अपना प्रस्ताव डालकर उन्हें दे दें तो इस समस्या का हल जल्द ही करवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिस्पेंसरी का होना जरूरी है।