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गांवों में भी दिखा क‌र्फ्यू का असर, सुनसान हुई गलियां

क‌र्फ्यू का गांवों में इसका असर देखने को मिला गांवों की गलियां भी सुनसान रहीं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 11:35 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 06:04 AM (IST)
गांवों में भी दिखा क‌र्फ्यू का असर, सुनसान हुई गलियां

योगेश मल्होत्रा, बलाचौर : जिले में जनता क‌र्फ्यू का असर केवल शहरी क्षेत्र में ही नहीं बल्कि गांवों में इसका असर देखने को मिला, गांवों की गलियां भी सुनसान रहीं। न तो गांव चौपालों में कोई चहल-पहल नजर आई और न किसी खेत में जाते किसान को देखा गया, देखने को मिला तो सिर्फ गांव की गलियों में फैला सन्नाटा। हर कोई अपने घरों के मुख्य दरवाजे बंद कर जनता क‌र्फ्यू के निर्धारित समय को व्यतीत करने में लगा रहा है। किसान भी इस दिन खेतों में नहीं गए, बल्कि घर में ही बच्चों व पशुओं की देखभाल करते रहे।

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किसानों ने बताया कि उन्होंने एक दिन पहले ही पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था को कर लिया था तथा जो घर में आवश्यक सामान की जरूरत थी, उसे भी एक दिन पहले ही ले आए थे। महिलाए भी घर के काम-काज में ही व्यस्त रही तथा घर के बाहर के कार्याें से पूरा दिन परहेज किया। निष्कर्ष यही रहा कि शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र ने भी दुनिया में फैली महामारी पर अंकुश लगाने को लेकर सरकार सहयोग करते हुए पूरी सतर्कता दिखाई। गांवों के सरपंचों ने लोगों को जागरूक किया कि घर में रहने में ही जीत है।

देश व पंजाब में कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन हर प्रकार से प्रयासशील है। परन्तु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से अपील की वह लगभग 21 दिन यानि तीन सप्ताह लाकडाउन करके घरों में बंद रहें। लोग लाकडाउन का सहयोग करें। उनका संदेश हर भारतीय चाहे पंजाबी हो या दूसरे राज्य का सभी ने गंभीरता से लिया। लोग घरों में बंद हैं, परन्तु रोजाना काम करने वाले घरों में कोई ताश खेल रहा है, कोई घर का काम कर रहा है

सरपंच हीरा खेपड मझोट का कहना है कि कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए बंद का होना अति जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनके गांव के लोग क‌र्फ्यू का पूरा सहयोग कर रहे हैं। लोग इन दिनों में अपने घर के कामों को भी करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा भी पूरा सहयोग दिया जा रहा है

सरपंच बलजिदर सिंह ने बताया कि कोरोना को हराने के लिए लोगों का घरों में कैद होना बेहद जरूरी था। इस बात को गांववासी भी महसूस कर रहे हैं। गांव में एमरजैंसी केसों में ही लोग बाहर निकल रहे हैं। उन्होंने कहा उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को अगर किसी भी बात की कोई समस्या आती है तो वह स्वयं उस चीज का हल करने के लिए लगे प्रशासन द्वारा हर संभव मदद की जा रही है तथा गांव वालों को किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आने दी जा रही।


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