महंगाई के कारण गृहणियों की रसोई से गायब हुई सब्जियां
संवाद सूत्र, नवांशहर देश में महंगाई का दानव दिन-प्रतिदिन विकराल रूप धारण कर रहा है, ि
संवाद सूत्र, नवांशहर
देश में महंगाई का दानव दिन-प्रतिदिन विकराल रूप धारण कर रहा है, जिससे आम लोगों पर महंगाई का बोझ भी कई गुणा बढ़ गया है। जहां लोगों को पहले ही कपड़े, दूध एवं अन्य घरेलू सामान पर महंगाई की मार झेलनी पड़ रही थी, वहीं अब रोजाना प्रयोग होने वाली सब्जियों के दाम भी आसमान को छूने लगे हैं, जिससे लोगों के रसोई का बजट पूरी तरह से डगमगा गया है। सभी सब्जियों के दाम दस दिनों में और भी बढ़ गए हैं, क्योंकि बारिश के कारण सब्जी की पैदावार कम होती है और मंडी में कम सब्जी आने के कारण दम बढ़ गए हैं। ऐसे में आने वाले वक्त में सब्जी के भाव अधिक बढ़ने की संभावना है। बढ़ती कीमत से लोग परेशान हो रहे हैं।
सब्जी विक्रेता काला गुजर ने बताया कि दस दिनों में हर सब्जी के पांच से दस रुपये बढ़े हैं। ग्राहक दाम सुनकर ही चला जाता है। टमाटर के बाद प्याज और अन्य हरी सब्जियों की कीमतों के बढ़ने से लोग परेशान हैं। बारिश की वजह से सब्जियां खराब हो रही हैं और उनकी कीमतें बढ़ गई हैं। फसलों के खराब होने के साथ ही मौसम का प्रभाव यातायात पर भी पड़ा है। जिस कारण मंडी में आवक में भी कमी हो गई।
गुलशन ने बताया कि सभी सब्जियां महंगी हो गई हैं। बारिश के मौसम में लोग बीमार अधिक पड़ते हैं और उन्हें हरी सब्जियों की जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें हरी सब्जी देने की सलाह दी जाती है, लेकिन महंगी हरी सब्जी खरीदना मुश्किल हो गया है। सब्जियों के दाम बढ़ने से लोग मजबूरी में ही सब्जी खरीदते हैं, वह भी थोड़ी सी। सब्जी की बिक्री इतनी नहीं है, बारिश के मौसम में सब्जी खराब ही हो जाती है, वह भी नुकसान हमें ही झेलना पड़ता है।
सब्जी विक्रेता ¨बदर ने बताया कि थाली से दूर हो रही है सब्जी, किलो की जगह पाव भर से काम चलाया जा रहा है। कुछ दिनों से टमाटर के भाव सेब के बराबर पहुंच गए हैं। जिससे हमने पहले ही दूरी बना रखी है। अब हालात यह है कि प्याज और दूसरी हरी सब्जी के भी दाम बढ़ने लगे हैं। जिससे रसोई फीकी पड़ गई है। एकाएक बढ़े सब्जी के दामों ने खाने का जायका कम कर दिया है। सब्जियों की आवक हम होने से बाजारों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है।
सब्जी विक्रेता बॉबी ने बताया कि सब्जी का दाम तीन गुणा बढ़ने से गृहणियां भी परेशान हैं। पहले तो महिलाएं खुद सब्जी खरीदने आती थी, अब दाम बढ़ने से अब उनके घरवाले ही सब्जी खरीदने आते हैं। अब सब्जी लेते वक्त पहले भाव देखना पड़ता है उसी के अनुसार सब्जियों का चयन करते हैं। मजबूरीवश जो पसंद नहीं है लेकिन सस्ती है उन्हीं सब्जियों को खरीद कर काम चला रहे हैं। सब्जी का दाम सुनकर तो ग्राहक आगे ही चले जाते हैं। सब्जी बारिश से पहले दस दिन पहले, अब के दाम
टमाटर 10 रुपये ) 30 रुपये 40 रुपये
खीरा 10 रुपये 40 रुपये 50 रुपये
नींबू 60 रुपये 120 रुपये 130 रुपये
अरबी 25 रुपये 50 रुपये 60 रुपये
बैंगन 20 रुपये 40 रुपये 50 रुपये
गोभी 10 रुपये 50 रुपये 70 रुपये
¨भडी 20 रुपये 40 रुपये 45 रुपये
शिमला मिर्च 30 रुपये 100 रुपये 125 रुपये
हरा मटर 50 रुपये 80 रुपये 120 रुपये