सरकारी स्कूलों में प्राइवेट कॉलेज नहीं कर सकेंगे प्रचार-प्रसार
जासं, नवांशहर प्राइवेट कॉलेज प्रबंधक नए सत्र से पहले सरकारी स्कूलों में बच्चों के बीच अपने कॉलेजो
जासं, नवांशहर
प्राइवेट कॉलेज प्रबंधक नए सत्र से पहले सरकारी स्कूलों में बच्चों के बीच अपने कॉलेजों की पब्लिसिटी करने के लिए सेमिनार या कैंप नहीं लगा सकेंगे। अगर कोई सरकारी स्कूल का प्रमुख अपने स्कूल में किसी प्राइवेट कालेज को सेमिनार लगाने की मंजूरी देता है तो शिक्षा विभाग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
शिक्षा विभाग ने इस संबंधी जिला शिक्षा विभाग के प्रमुखों को चिट्ठी जारी करके स्कूलों में प्राइवेट कॉलेजों द्वारा लगाए जाने वाले सेमिनार पूरी तरह से बंद करने को कहा है। विभाग ने अपनी चिट्ठी में कहा कि कई तरह की शिकायतें आई हैं, जिसमें कुछ प्राइवेट कॉलेजों (पॉलीटेक्निकल व इंजीनिय¨रग) द्वारा सरकारी स्कूलों में काउंसि¨लग के नाम पर बच्चों को अपने कॉलेजों में एडमिशन के लिए कहा जाता है। विभाग का मानना है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को प्राइवेट कालेज गलत गाइडेंस भी दे देते हैं, जिससे बच्चों का नुकसान होने की संभावना है। विभाग के पास यह भी शिकायत आई है कि कई बार कॉलेज प्रबंधक सरकारी स्कूलों में अपने कालेजों की पब्लिकसिटी के लिए स्कूल प्रमुखों को लालच भी देते हैं। सेमिनार में वीडियो आदि देख गरीब परिवारों के बच्चे प्राइवेट कालेजों की तरफ आकर्षित हो जाते हैं और अपने मां-बाप को इन कालेजों में दाखिले के लिए दबाव बनाते हैं। विभाग का मानना है कि कई बार इन कालेजों के दावे गलत होते हैं और बच्चों का भविष्य खराब हो जाता है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने अपने सरकारी स्कूलों के अपने परमिसेस को किसी भी तरह से प्राइवेट कालेजों की पब्लिसिटी न होने देने की बात कही है। अगर फिर भी ऐसा होता है कि विभाग संबंधित स्कूल के ¨प्रसिपल पर कार्रवाई कर सकता है।