आसमान छू रही पेट्रोल-डीजल की कीमतें, महंगाई चरम पर
संवाद सहयोगी, नवांशहर : पेट्रोल व डीजल की हर रोज बढ़ रही कीमतों के कारण आमजन परेशान है। पेट्रोल की क
संवाद सहयोगी, नवांशहर : पेट्रोल व डीजल की हर रोज बढ़ रही कीमतों के कारण आमजन परेशान है। पेट्रोल की कीमत बढ़ने से देश में महंगाई बढ़ रही है। जिसका बोझ सीधे ही आम लोगों पर ही पड़ता है। सरकारों को इसके प्रति गंभीरता से सोचना चाहिए और सही कदम उठाना चाहिए।
लोगों में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा आक्रोश
रवि कुमार ने बताया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को भारत में लगातार वृद्धि के खिलाफ आज एक व्यापक आक्रोश देखा जा सकता है। हर रोज बढ़ रही कीमतों के पीछे कौन सा अर्थशास्त्री सिद्धांत काम कर रहा है। हर रोज बढ़ रही कीमतों का बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। तेल कंपनियां मुनाफा करने के चक्र में लोगों पर बोझ डाल रही हैं। पेट्रोल व डीजल के उत्पादों की कीमतें आसमान छू रही हैं, तो हर वस्तु महंगी हो रही है।
पेट्रोलियम पदार्थो में लगे जीएसटी
लक्की कुमार ने बताया कि पेट्रोल की कीमतें बढ़ने से थम नहीं रही है। पेट्रोल के दाम बढ़ने से लोगों का पारा भी बढ़ता जा रहा है। क्या यह ही अच्छा दिन आने थे। यह कैसे अच्छे दिन हैं। हर रोज दाम बढ़ रहे हैं। कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा। पेट्रोल व डीजल जीएसटी के तहत आना चाहिए। जीएसटी काउंसलिंग को इस मामले में फैसला लेना चाहिए।
किसानों की बढ़ी फसल की लागत
कमलजीत ने बताया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार रिकार्ड बढ़ोतरी हो रही है। यह दाम उच्चतम स्तर पर पहंच चुके हैं। फिर भी घटने का नाम नहीं ले रहे। इसका सीधा किसान, ट्रांसपोर्ट और आम जनता पर असर पड़ रहा है। महंगाई ने पहले ही लोगों का जीना दुभर कर रखा है। लोगों की लूट हो रह है, इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। हर रोज चुपचाप कीमतें बढ़ा दी जाती है। इसको कंट्रोल करने की जिम्मेदारी समय की सरकारों की है।
एक्साइज ड्यूटी घटाई जाए
हनी कुमार का कहना है कि अगर पेट्रोल व डीजल की बढ़ रही कीमतों को न रोका गया तो महंगाई दिन व दिन तेजी से बढ़ती जाएगी। जिससे गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती है। रुपये की दर में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव के उछाल के बीच ही देश में पेट्रोल तथा डीजल की कीमतें हर रोज बढ़ रही है। बढ़ती कीमतों के विरोध में अन्य शहरों में रोष प्रदर्शन भी शुरू हो चुके हैं। जनता सड़कों पर आने को मजबूर हो रही है। एक्साइज ड्यूटी व विभिन्न करों को कम करके जनता को मूल्य वृद्धि से राहत दिलाई जा सकती है।