स्च्छता के लिए सब होंगे जागरूक तभी स्वच्छ होगा शहर
वासदेव परदेसी, नवांशहर स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री द्वारा 15 सितंबर से स्वच्छता ही सेवा
वासदेव परदेसी, नवांशहर
स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री द्वारा 15 सितंबर से स्वच्छता ही सेवा मुहिम शुरू की गई है। दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य पर प्रधानमंत्री द्वारा यह मुहिम शुरू की है। जिसका सीधा लाभ आम जनता को है। कोई भी मुहिम शुरू होती है, उसका सीधा लेनदेन लोगों से है। स्वच्छ भारत अभियान का भी सीधा लाभ लोगों को ही है।
सबको करना चाहिए सफाई में सहयोग
सुख¨वदर ¨सह थांदी का कहना है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सबको सहयोग देना चाहिए। सभी के जीवन में स्वच्छता का बहुत अधिक महत्व होता है। अगर हम स्वच्छ और सुंदर माहौल में न रहें तो हमें गंदगी से अनेक प्रकार की बीमारियों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसके लिए हम खुद जिम्मेदार होते हैं। कई बार सफाई करने के बाद कूड़े कचरे को इधर-उधर फेंक देते हैं। जो कि गलत है।
देश को स्वच्छ बनाना सबका सपना
सुनील कुमार नैयर का कहना है कि भारत को स्वच्छ बनाना हर भारतीय का सपना होता है। दो अक्तूबर, 2019 तक स्वच्छ भारत अभियान को मुकम्मल करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक बहुत बड़ा आंदोलन है। स्वच्छ भारत अभियान द्वारा सफाई व्यवस्था की समस्या का समाधान निकालना, साथ में सभी को स्वच्छता की सुविधा के निर्माण द्वारा पूरे भारत में मुकम्मल प्रबंध करना लोगों के सहयोग से ही पूरा किया जा सकता है।
लगातार चलना चाहिए ऐसे अभियान
जेएस गिद्दा ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान की कार्रवाई लगातार चलती रहनी चाहिए। भौतिक, मानसिक, सामाजिक, बौद्धिक कल्याण के लिए भारत के लोगों में इसका एहसास होना बहुत ही जरूरी है। यह भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिए जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरू किया जा सकता है। लोगों की खुद के स्वास्थ्य के प्रति सोच और स्वास्थ्य, साफ सफाई की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने के लिए इस अभियान का निरंतर लागू रहना जरूरी है।
खुद जागरूक होकर दूसरों को भी करें प्रेरित
एडवोकेट गुरबख्श ¨सह झिक्का का कहना है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी सफाई के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए। साफ- सफाई की जरूरी सुविधाओं को लगातार उपलब्ध करने के लिए पंचायती राज संस्थान आदि को प्रेरित करते रहना चाहिए। स्कूलों में इस प्रति भाषण, निबंध, लेखन प्रतियोगिता, कला, चित्रकारी के माध्यम से स्वास्थ्य और स्वच्छता पर कार्यक्रम होने चाहिए। स्कूलों में इस अभियान में बच्चों के साथ उनके माता-पिता को भी जोड़ना चाहिए।