Move to Jagran APP

सरकारी सीसे स्कूल में इव¨नग क्लासेज की तैयारी

मनदीप ¨सह, नवांशहर : जिला मुख्यालय के एक मात्र सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल पर हर साल बढ़ रहे एडमीशन

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 05:24 PM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 05:24 PM (IST)
सरकारी सीसे स्कूल में इव¨नग क्लासेज की तैयारी
सरकारी सीसे स्कूल में इव¨नग क्लासेज की तैयारी

मनदीप ¨सह, नवांशहर : जिला मुख्यालय के एक मात्र सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल पर हर साल बढ़ रहे एडमीशन के दवाब का कोई हल न निकल पाने के चलते अब ईव¨नग क्लासें लगाने की प्रपोजल बनाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि अभी मामला शुरुआती चरण में हैं, ऐसे में अगर सरकार या शिक्षा विभाग एक अन्य सरकारी स्कूल की नई इमारत या नए स्कूल का प्रबंध नहीं कर पाता तो यह कदम उठाना पड़ सकता है।

loksabha election banner

हालांकि इव¨नग क्लासों की अपनी अलग समस्याएं हैं, जिनके संबंध में विभाग होमवर्क करने का मन बना रहा है, ताकि जिला मुख्यालय व आस-पास के गांवों के जिन बच्चों को सीटें सीमित होने की वजह से सरकारी स्कूल में एडमीशन नहीं मिल पाती। उन्हें अन्य एडिड या निजी स्कूलों का रुख करना पड़ता है। इन विद्यार्थियों को भी स्कूल में एडमीशन मिल सके और वे सरकार की तरफ से बनाए गए मॉडल स्कूल का लाभ उठा सकें।

सरकारी स्कूल में एडमीशन को लेकर हो रही मारामारी

बता दें कि सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आए दिन एडमीशन को लेकर खूब मारामारी रहती है। जिसके चलते स्कूल प्रबंधन को एडमीशन खासकर कक्षा 11वीं में एडमीशन के समय स्कूल स्तर पर मेरिट बनानी पड़ती है। जितनी संख्या क्लास में रखनी होती है उसे मेरिट के अनुसार अधिक अंक लेने वाले बच्चों को ही एडमीशन मिल पाती है, अन्य विद्यार्थी जो मेरिट में नहीं आ पाते उन्हें एडमीशन भी नहीं मिल पाती। यही नहीं इस चालू सेशन में एडमीशन के लिए तो स्कूल प्रबंधन को ओर भी सख्ती करनी पड़ी। सरकार द्वारा स्कूल को मॉडल स्कूल घोषित कर दिया गया है। जिसके चलते स्कूल में हरेक कक्षा यानी 6वीं से लेकर 12वीं तक के एक-एक सेक्शन को अंग्रेजी माध्यम रखा गया है। जिसमें विद्यार्थियों को भाषा के विषय के अलावा गणित, हिस्ट्री, मैथ आदि विषय अंग्रेजी में पढ़ाए जाएंगे। जिसके चलते इस बार 11वीं के साथ-साथ 6वीं में एडमीशन के लिए भी स्कूल प्रबंधन बकायदा एडमीशन टेस्ट लिया गया। टेस्ट में मेरिट चढ़ने पर जिन विद्यार्थियों ने अधिक अंक प्राप्त किए उन्हें ही एडमीशन मिल पाई है।

एडमीशन को लेकर अभिभावक अधिकारियों व नेताओं को कर रहे शिकायत

जिन बच्चों को स्कूल में एडमीशन नहीं मिल पाता उन बच्चों के अभिभावकों द्वारा अधिकारियों से लेकर राज नेताओं तक को शिकायतें करने का सिलसिला भी चला। यही नहीं एडमीशन के लिए स्कूल प्रबंधन पर भी दबाव डालने के संबंध में बातें सामने आने लगीं। मगर मॉडल स्कूल के क्राइटेरिया को स्कूल प्रबंधन की तरफ से सामने रखा गया। जिसके चलते स्कूल में उन्हीं बच्चों को एडमीशन मिल पाई जिनका नाम मेरिट में था या वे स्कूल प्रबंधन की तरफ से लिया गया टेस्ट पास कर पाए। बता दें कि इस साल स्कूल में अभी तक विद्यार्थियों की संख्या 1100 के करीब है व सिटिंग कैपेसिटी को देखते हुए स्कूल प्रबंधन द्वारा नए विद्यार्थियों के अंकों व स्कूल टेस्ट की पर्फार्मेस को ध्यान में रखकर एडमीशन दिया जा रहा है।

एडमीशन को लेकर कोई समझौता नहीं : प्रिंसिपल सरबजीत ¨सह

स्कूल ¨प्रसिपल सरबजीत ¨सह का कहना है कि स्कूल में एडमीशन का उन सभी का अधिकार है जो अपनी पिछली कक्षा पास कर चुका है। मगर स्कूल में डिसिपलिन को मैनटेन करने, सि¨टग कपैसिटी और माडल स्कूल के क्राईटेरिया को देखते हुए किसी भी प्रकार के समझौते से परहेज किया गया है।

स्कूल में एडमिशन का बुत दबाव : जिला शिक्षा अधिकारी

जिला शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार का कहना है कि सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल नवांशहर में एडमीशन का बहुत दबाव है, हर रोज मेरे पास किसी न कसी अभिभावक की इसी मामले को लेकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत आ जाती है। इसलिए जो बच्चे पढ़ाई में अच्छे हैं उन्हें ही यहां एडमीशन मिल सके इसके लिए मेरी तरफ से बैठकों के दौरान उच्च अधिकारियों के समक्ष शहर की आबादी बढ़ने की वजह से स्कूल पर बढ़ रहे एडमीशन दबाब के चलते यहां स्कूल में इव¨नग क्लासें शुरू करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि अभी यह एक प्रपोजल है, मगर ऐसे हालातों में विभाग इस संबंध में सोच सकता है।

इवनिंग स्कूल एक विकल्प : रिटा. अध्यापक प्रेम

गवर्नमेंट टीचर यूनियन पंजाब के पूर्व प्रधान व रिटायर्ड अध्यापक प्रेम रक्कड़ का कहना है कि इव¨नग स्कूल एक विकल्प हैं, मगर सरकार को जिला मुख्यालय में एक ओर स्कूल जरूर खोलना चाहिए। ताकि विद्यार्थियों को स्कूल में एडमीशन मिल सके। सरकार को इसके लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.