कोरोना ने बिगाड़ी 100 गांवों की सेहत
काठगढ़ में साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से बना सरकारी अस्पताल सफेद हाथी साबित हो रहा है। पिछले चार माह से अस्पताल में स्टाफ न होने से करीब 100 गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नही मिल पा रही हैं। 100 गांवों में करीब एक लाख की आबादी है अस्पताल पर निर्भर हैं।
सतीश शर्मा, काठगढ़ : काठगढ़ में साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से बना सरकारी अस्पताल सफेद हाथी साबित हो रहा है। पिछले चार माह से अस्पताल में स्टाफ न होने से करीब 100 गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नही मिल पा रही हैं। 100 गांवों में करीब एक लाख की आबादी है अस्पताल पर निर्भर हैं। स्टाफ न होने से लोगों को इलाज के लिए रोपड़ के सरकारी अस्पताल या फिर बलाचौर के सरकारी अस्पताल में जाना पड़ता है। सरकारी अस्पताल की मुफ्त की दवाई के लिए पेट्रोल पर 100 रुपये खर्चने पड़ रहे हैं।
वर्ष 2012 में लोगों की मांग पर साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से काठगढ़ में सरकारी अस्पताल का निर्माण किया गया था। सभी राजनैतिक पार्टियां कहती रहीं यह हमारी देन। परन्तु जब से लॉकडाउन लगा है, तब से इसको ताला लगा दिया गया। अब कोई पार्टी नेता नहीं बोल रहा कि यह ऐसा क्यों कर रखा है। यहां का सारा स्टाफ रायत कालेज रैलमाजरा में कोरोना महामारी को लेकर तैनात कर रखा है। अब नशा छुड़ाओ केंद्र की एक महिला कर्मचारी साथ में वहां पर पुलिस कर्मचारी तैनात रहते हैं। शनिवार को दोपहर 11 बजे अस्पताल का दौरा किया तो नशा छुड़ाओ केंद्र खुला था।
जनता हो रही परेशान: चेची
आप नेता चौधरी सतनाम चेची का कहना है कि पंजाब की कैप्टन सरकार को दिल्ली में दी जा रही सेहत सेवाओं से सबक लेना चाहिए। यह अस्पताल बंद करके जनता को संकट में डाल रखा है, उल्टा लोग परेशान हैं। एक फार्मासिस्ट तो हो तैनात : कर्ण सिंह
कंडी संघर्ष कमेटी पंजाब के सचिव राणा कर्ण सिंह का कहना है कि कोरोना महामारी का संकट जरूर है, इसमें तो अस्पताल खुला होना चाहिए। कम से कम एक कर्मचारी फार्मासिस्ट जरूरी है।
एक डॉक्टर तो हो तैनात : राज कुमार
अकाली नेता रिटा. ब्रिगेडियर राज कुमार का कहना है कि हमने एक दिन अस्पताल का ज्यादा लिया था। सारी टीम हमारे साथ थी, लोग इस समस्या से काफी परेशान थे। अस्पताल में एक डाक्टर का होना बहुत जरूरी है।
युवा मोर्चा ने दी संघर्ष की चेतावनी
भाजपा युवा मोर्चा पंजाब के राहुल चौधरी का कहना है कि अब जो परेशानी पहले थी, फिर दोबारा हो गई है। टैक्सियां करके लोगों को अपने मरीजों को बाहर रोपड़, बलाचौर, नवांशहर आदि लेकर जाना पड़ रहा है। अगर सरकार ने अस्पताल के बारे में ध्यान न दिया तो भाजपा युवा मोर्चा संघर्ष का ऐलान करेगी। जहां विभाग लगाएगा ड्यूटी, वहीं करेंगे काम : एसएमओ
एसएमओ काठगढ़ डॉ. गुरिदरजीत सिंह का कहना है कि वह सारी टीम के साथ रयात कालेज में तैनात हैं। जहां पर विभाग हमारी ड्यूटी लगाएगा, वहीं पर ही हम काम करेंगे। हमने तो नौकरी करनी है।