सेहत विभाग बच्चों की देखभाल पर देगा विशेष ध्यान : डा. गीतांजलि सिंह
सिविल सर्जन डा. गुरिदरबीर कौर के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत सीनियर मेडिकल अफसर डा. गीतांजलि सिंह के नेतृत्व में प्राइमरी सेहत केंद्र मुजफ्फरपुर में छोटे बच्चों की घरेलू देखभाल कार्यक्रम के अधीन आशा वर्करों की तरफ से घरों के पांच अतिरिक्त दौरे करने संबंधी तीसरे बैच की पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, नवांशहर : सिविल सर्जन डा. गुरिदरबीर कौर के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत सीनियर मेडिकल अफसर डा. गीतांजलि सिंह के नेतृत्व में प्राइमरी सेहत केंद्र मुजफ्फरपुर में छोटे बच्चों की घरेलू देखभाल कार्यक्रम के अधीन आशा वर्करों की तरफ से घरों के पांच अतिरिक्त दौरे करने संबंधी तीसरे बैच की पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू कर दी गई है। जिसमें ब्लाक की आशा फैसीलीटेटर्स और आशा वर्करों ने भाग लिया।
इस मौके पर सीनियर मेडिकल अफसर डा. गीतांजली सिंह ने आशा फैसीलीटेटर्स और आशा वर्करों को प्रशिक्षण देते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण आशा वर्करों के मौजूदा ज्ञान पर नया निर्माण करेगी और बच्चों के मूलभूत विकास के लिए नई कुशलताओं को विकसित करने में सहायता करेगी।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों की मौतों और बीमारियों को घटाना, छोटे बच्चों की पोषण स्थिति को सुधारना और छोटे बच्चों में वाजिब वृद्धि को और आरंभिक बाल विकास को यकीनी बनाना है। कार्यक्रम के दौरान आशा वर्कर जन्म के समय कम भार वाले बच्चों, बीमार बच्चों, कुपोषण का शिकार बच्चों, नवजात बच्चों की देखभाल पर विशेष ध्यान केंद्रित करेंगी।
इस मौके पर ब्लाक एक्स्टेंशन एजूकेटर विकास विर्दी ने बताया कि बच्चों की घरेलू देखभाल कार्यक्रम के तहत आशा वर्करों की तरफ से पहले ही नवजात बच्चो की घरेलू देखभाल की छह या सात दौरे हो चुके हैं। अब आशा वर्करों को पांच बार और घरों का दौरा करना होगा। आशा वर्कर बच्चों की देखभाल के लिए तीन महीने, छह महीने, नौ महीने, 12 महीने और 15 महीने पर घरों का दौरा करेंगी।
इस मौके पर ब्लाक एक्स्टेंशन एजूकेटर मनिदर सिंह और विकास विर्दी ने कहा कि आशा वर्कर घर के दौरों के साथ बच्चों की समस्याओं की जल्दी पहचान करेंगी और परिवारों की उपयुक्त कार्यवाही करने में मदद करेंगी। यह मदद घरेलू देखभाल के कामों के द्वारा या फिर सेहत केंद्र में इलाज करवा कर हो सकती है। घरों की अतिरिक्त देखभाल के अलवा आशा वर्कर पहले छह महीने के लिए केवल मां का दूध पिलाने को उत्साहित करने के साथ-साथ एक साल के हो जाने पर बच्चों के लिए समय पर पौष्टिक भोजन खिलाने के लिए पारिवारिक सदस्यों को प्रेरित करेंगी। इस मौके पर मेडिकल अफसर गुरप्रीत सिंह सहित सेहत विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।