खेत में पराली मिलाने व पर्यावरण बचाने की बहादुर ने दिखाई बहादुरी
जेएनएन, नवांशहर : जिले में धान की पराली को आग न लगाने की अपील का असर इस बार काफी देखने को मिला। इ
जेएनएन, नवांशहर : जिले में धान की पराली को आग न लगाने की अपील का असर इस बार काफी देखने को मिला। इस साल ज्यादातर किसानों ने पराली को बिना जलाए गेहूं की बिजाई हैप्पीसीडर के साथ की। ब्लॉक औड़ के गांव चकदाना के किसान बहादुर ¨सह ने पराली को जलाए बिना 50 एकड़ रकबे में गेहूं की बिजाई हैप्पीसीडर से कर वातावरण की शुद्धता में योगदान डाला है। बहादुर ¨सह ने बताया कि पिछले तीन सालों से लगातार हैप्पीसीडर से गेहूं की बिजाई कर रहा है। पराली को पहली बार जब आग न लगाकर खेतों में मिलाया तो गेहूं का झाड़ पहले के मुकाबले ज्यादा हुआ और खाद का खर्च भी कम हुआ। इसके अलावा हैप्पीसीडर से बिजाई करने से खेतों में नदीन भी कम उगते हैं। साल 2017 में हैप्पीसीडर से लगाए गेहूं का झाड़ 24 क्विंटल और धान का झाड़ 30 क्विंटल हुआ।
सब्सिडी पर दे चुकें 30 मशीनें
मुख्य खेतीबाड़ी अफसर गुरबख्श ¨सह ने किसान बहादुर ¨सह द्वारा हैप्पीसीडर से बिजी गेहूं की फसल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि हैप्पीसीडर मशीन किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा जिले में इन सीटू मैनेजमेंट आफ क्रॉप रेसीड्यू स्कीम के अधीन साल 2018-19 के दौरान 30 हैप्पीसीडर मशीनें सब्सिडी पर किसानों को दी है। अब तक 3000 हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बिजाई की जा चुकी है और किसान इस मशीन से बिजाई करने को पहल दे रहे हैं।
खातों में जा चुकी अनुदान की राशि
धान की पराली की संभाल के लिए 13 पैडी स्ट्रॉ चॉपर, 4 मल्चर,19 एमवीपलाउ, 7 जीरो टिल ड्रिल, 113 कंबाइन के सुपरस्टार मैनेजमेंट सिस्टम, रोटावेटर मशीन किसानों को सब्सिडी के लिए मुहैया करवाईं हैं। इन मशीनों की बनती 1,25,65,743 रुपये की सब्सिडी किसानों के खाते में जमा करवा दी है।
इन अधिकारियों ने मशीन से बिजाई की जांच की
गांव चक्कदाना में किसान बहादुर ¨सह के खेतों के निरीक्षण करते समय मुख्य खेतीबाड़ी अफसर के साथ डॉक्टर राजकुमार खेतीबाड़ी विकास अफसर एनफोर्समेंट, डॉक्टर रामपाल खेतीबाड़ी अफसर ओड़, डॉक्टर लेखराज खेतीबाड़ी विकास अफसर ओड, अजमेर ¨सह, अवतार ¨सह, गुरमुख ¨सह, प्रितपाल ¨सह, अमरजीत ¨सह, गुरनाम ¨सह, सर्वजीत ¨सह, सुरेंद्र ¨सह और बुर्ज टहिल दास सहित किसान उपस्थित रहे।