किसानों और मजदूरों के लिए घातक हैं कृषि कानून : बैंस
शहीद ए आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां झंडा जी में किरती किसान यूनियन ने खेती सुधार कानूनों के विरोध में बैठक की।
संवाद सहयोगी, बंगा: शहीद ए आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां झंडा जी में किरती किसान यूनियन ने खेती सुधार कानूनों के विरोध में बैठक की। इसमें किसान नेता तरसेम सिंह बैंस, भूपिदर सिंह वड़ैच ने केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह कानून किसान और मजदूरों के लिए घातक हैं। इन कानूनों से महंगाई बढ़ेगी और आम आदमी का गुजारा करना मुश्किल हो जाएगा। इसके साथ बेरोजगारी में भी बढ़ोतरी होगी। इसलिए सभी इनका विरोध करेंगे। किसान यूनियन ने गांव हप्पोवाल के दोआबा पैलेस में मीटिग के दौरान महिलाओं को किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए जागरूक किया जाएगा। इस मौके पर निर्मल सिंह कंदोला, भूपिदर सिंह कंदोला हप्पोवाल जसवंत खटकड़, कुलविदर सिंह चाहल खुर्द, हरविदर सिंह, चूहड़ सिंह, दविदर सिंह, अमरीक सिंह नसीब चांद, गुरदयाल चांद और सुरिदर पंच, कश्मीरी लाल मंगूवाल व दीप कलेर अदि उपस्थित थे। -- बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रधानमंत्री भेजा मांगपत्र
नवांशहर: संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों ने निजीकरण और कारपोरेट विरोधी दिवस मनाते हुए जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा। संयुक्त मोर्चा के नेताओं में जसबीर दीप, कुलदीप सिंह सुज्जों, गुरदयाल रक्कड़, गुरबख्श कौर संघा, सतनाम सिंह गुलाटी, परमजीत सिंह संघा, अशोक कुमार के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि केंद्र सरकार सभी विभागों का निजीकरण कर रही है। डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाकर लोगों की जेब से पैसे निकालकर तेल कंपनियों को दिए जा रहे हैं। किसान खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर तीन महीने से भी अधिक समय से दिल्ली की हदों पर मोर्चा संभाले बैठे हैं, पर्रतु केंद्र सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही । उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण को रोकने के लिए नीति बनाई जाए और डीजल, पेट्रोल और एलपीजी की कीमतों को भी तुरंत घटाया जाए।