दो वर्ष बीते, अस्पतालों को नहीं मिला रोग कल्याण फंड
नवांशहर जिले के सरकारी अस्पतालों में रोगियों के कल्याण व अस्पताल के मेंटेनेंस के लिए जारी होने वाला रोग कल्याण फंड दो वर्ष गुजरने के बाद भी जारी नहीं हुआ है। वहीं फंड की राशि को भी आधा कर दिया गया है। इस संदर्भ में जिले के उचाधिकारियों द्वारा कई बार स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय को लिखा गया पर कामयाबी नहीं मिली। वहीं फंड जारी न होने से जिले के सभी अस्पतालों में मेंटेनेंस के काम रूके हुए हैं।
सुशील पांडे, नवांशहर
जिले के सरकारी अस्पतालों में रोगियों के कल्याण व अस्पताल के मेंटेनेंस के लिए जारी होने वाला रोग कल्याण फंड दो वर्ष गुजरने के बाद भी जारी नहीं हुआ है। वहीं फंड की राशि को भी आधा कर दिया गया है। इस संदर्भ में जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा कई बार स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय को लिखा गया, पर कामयाबी नहीं मिली। वहीं फंड जारी न होने से जिले के सभी अस्पतालों में मेंटेनेंस के काम रूके हुए हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से रोग कल्याण के तहत जिला स्तरीय सरकारी अस्पताल से लेकर ग्रामीण हेल्थ एंड सेनिटेशन कमेटी को रोगी कल्याण के कार्यो पर खर्च करने के लिए यह फंड जारी होता है। इसकी पहली किश्त जुलाई-अगस्त महीने में जारी कर दी जाती है, जो कुल फंड का 50 फीसद होती है। वहीं अगली किश्त यानी पूरा फंड दिसंबर-जनवरी के दौरान जारी कर दिया जाता था। वहीं कुछ वर्षो से इस फंड को आधा कर दिया गया है। इसके तहत पहले जिला स्तर के सरकारी अस्पताल के लिए 10 लाख रुपये आते थे और अब पांच लाख रुपये मिलने थे।
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फंड आवंटन का तरीका
- केंद्र सरकार की योजना के अनुसार जिला स्तरीय अस्पताल को 10 लाख रुपये प्रति साल जारी किया जाता था। इसके अलावा एसडीएच (सब डिवीजन स्तर के अस्पताल जो जिले में एक है) को करीब 5 लाख रुपये, जिले की कुल 16 पीएचसी के लिए प्रति यूनिट 1.75 लाख रुपये, जिले मे स्थित 5 सीएचसी को प्रति यूनिट ढाई लाख रुपये, जिले र्म स्थित 95 सब सेंटर को प्रति सेंटर 10 हजार रुपये, 465 ग्रामीण हेल्थ एंड सेनिटेशन सेंटर को प्रति यूनिट 10 हजार रुपये जारी होते थे। इस फंड से मेंटीनेंस सहित मरीजों के लिए बेड व गद्दे, आपरेशन थिएटर का चुनिदा सामान व मरम्मत सहित रोगियों के कल्याण के लिए यह राशि खर्च की जाती है।
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जिले में उपलब्ध सेहत सुविधाएं
1.नवांशहर में जिला स्तरीय सरकारी अस्पताल
2.बलाचौर में सब डीविजन सरकारी अस्पताल
3.बंगा में सब डीविजन सरकारी अस्पताल
4.सीएचसी (मकुंदपुर, सड़ोया, राहों, बंगा, काठगढ)
5. पीएचसी (सुज्जों व मुज्जफरपुर)
6. मिन्नी पीएचसी (पनियाली, टकारला, औड़, कमाम, खानखान, जाडला, भारटा खुर्द, जब्बोवाल, साहिबा, पोजेवाल, खटकड़कलां, कटारियां, बहराम, फराला)
7. 47 डिस्पेंसरी (जिला परिषद के अंतर्गत)
8. सब सेंटर -95
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पता करवाएंगे : सिविल सर्जन
इस बारे में सिविल सर्जन डा. गुरदीप सिंह कपूर का कहना है कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया है। वो इसके बारे में पता करवाएंगे। फंड को मंगवाने के लिए सेहत विभाग को लिखा जाएगा।