गर्मी में शराब से करें परहेज: डा. राकेश
जला एपीडीमोलोजिस्ट डा. राकेश पाल ने बताया कि भीषण गर्मी के मौसम में गर्म हवाएं हमारे शरीर खास कर आंखें और चमड़ी को झुलसा सकतीं हैं
जागरण संवाददाता, नवांशहर : सेहत विभाग की तरफ से आम लोगों को गर्मी से बचाने के लिए जागरूकता मुहिम निरंतर चलाई जा रही है। इस मुहिम के तहत जिला एपीडीमोलोजिस्ट डा. राकेश पाल ने बताया कि भीषण गर्मी के मौसम में गर्म हवाएं हमारे शरीर खास कर आंखें और चमड़ी को झुलसा सकतीं हैं। तापमान 40 डिग्री से पार होने पर हमारा शरीर पसीने के रूप में गर्मी बाहर निकालता है और शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। एक निश्चित सीमा के बाद हमारे शरीर का यह व्यवस्था काम करना बंद कर देता है और शरीर बाहर के तापमान के बराबर गर्म हो जाता है। इसे हीट स्ट्रोक कहते हैं। उन्होंने कहा कि हीट स्ट्रोक बहुत खतरनाक है। इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि यदि शरीर 40 डिग्री तापमान को बर्दाश्त करता है तो हीट स्ट्रोक का शिकार होने की संभावना अधिक हो जाती है। ऐसी स्थिति में तत्काल डाक्टरी सहायता की जरूरत होती है। यदि पसीना आना बंद हो जाए या सांस लेने में तकलीफ हो तो यह भी खतरे के संकेत हैं। डा. पाल ने कहा कि 12 बजे से चार बजे के बीच घर से बाहर निकलने से गुरेज किया जाए। ज्यादा जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकला जाए और घर से बाहर निकलते समय अपने शरीर को हलके सूती कपड़ों के साथ पूरी तरह के साथ ढंक लिया जाए जो कि शरीर को ठंडा रखने में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि गर्मियों में ऐसा भोजन खाना चाहिए, जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो और आसानी के साथ हजम हो सके। गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए शराब, कोल्ड ड्रींक और कैफीन युक्त तरल पदार्थ चाय, काफी, कोल्ड ड्रिक्स परहेज करना चाहिए। आम दवाओं का प्रयोग हरगिज न करें
एपीडीमोलोजिस्ट डा. राकेश पाल ने जिला वासियों को सेहत विभाग द्वारा बताईं गई जरूरी सावधानियों की पालना करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कहा कि लू लगने के चलते तेज बुखार होने की सूरत में आम दवाओं का प्रयोग न किया जाए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को जितनी जल्दी हो सके पास के अस्पताल में ले जाकर माहिर डाक्टरों के पास से उचित इलाज शुरू करवाया जाना चाहिए।