Move to Jagran APP

किसान पराली को न जलाएं, खेतों में ही मिक्स कर दें

गांव काठगढ़ खुर्द में दैनिक जागरण द्वारा शुरू की मुहिम पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण को बचाएंगे के तहत चौपाल का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:59 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:08 AM (IST)
किसान पराली को न जलाएं, खेतों में ही मिक्स कर दें
किसान पराली को न जलाएं, खेतों में ही मिक्स कर दें

संवाद सहयोगी, काठगढ़ : पराली को जलाना ठीक नहीं है। पर्यावरण को साफ रखना हर नागरिक की जिम्मेवारी है। गांव काठगढ़ खुर्द में दैनिक जागरण द्वारा शुरू की मुहिम पराली नहीं जलाएंगे, पर्यावरण को बचाएंगे के तहत चौपाल का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य तौर पर किसान नेता राणा कर्ण सिंह सचिव कंडी संघर्ष कमेटी पंजाब ने भाग लिया। बात की शुरुआत करते हुए राणा कर्ण सिंह बोले कि अगर वातावरण को ठीक रखा जाए तो आम जन जीवन भी खुशहाल रहेगा। पराली को किसान जलाएं नहीं, इसे खेतों में ही मिक्स करके अगली फसल को ताकतवर बनाएं। यदि हम वातावरण को जहरीला करेंगे इसमें हमें ही साल लेना है। पिछले सीजन में किसान काफी जागरूक रहा और उसने तंदरुस्त पंजाब मिशन का पूरा सहयोग किया है। पराली को जलाया नहीं। सरकार किसान की सहायता करे

loksabha election banner

किसान मोहन सिंह सरपंच चाहल जट्टां ने बताया कि पराली को न जलाने से किसान का संकट हल नहीं होता है। उसकी सरकार को सहायता करनी चाहिए। उसे कुछ राशि जरूर मिलनी चाहिए, ताकि उसका खर्च पूरा हो सके। किसान पर्यावरण को होने वाले नुकसान को समझते हैं और सरकार को हर तरह से सहयोग करने को तैयार है। पराली को खरीदे सरकार

बेट क्षेत्र के किसान यूनियन राजोआना के प्रधान सुरिदर छिदू प्रधान ने बताया कि एक धान के खेत को काटने का खर्च 6500 रुपये मजदूर ले रहे हैं। खेत को साफ करने का खर्च छह हजार रुपये से कम नहीं आ रहा है। किसान कहां जाएं, सरकार पराली को स्ययं खरीद कर उसका प्रयोग करें, ताकि किसानों को भी सहायता मिल सके। पराली जलाना किसान की मजबूरी

किसान हरदेव सिंह किसान हरदेव सिंह ने बताया कि पराली को जलाना किसान की मजबूरी बन गई है और कोई रास्ता है, खेत को साफ करने का। पराली द्वारा कोई काम करवाए सरकार या कोई लघु उद्योग जहां पर पराली को बेचा जा सके। तब यह समस्या सरकार की और किसान दोनों की हल हो जाएगी। पराली बेचना व पशुओं के चारे में मिलाना बेहतर विकल्प

किसान हेमराज चौधरी ने बताया कि पराली को पशुओं के चारे में मिलाकर देते हैं। जिसे पशु खुश होकर खाते हैं। इसे पशु बहुत पसंद करते हैं जिससे पशुओं का पेट भरा रहता है व जानवर संतुष्ट रहता है। किसानों को इसे जलाने के अलावा इसे बिक्री कर देना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.