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रोक के बावजूद शहर में इस्तेमाल हो रहा पॉलीथिन

पॉलीथिन के इस्तेमाल पर भले पाबंदी लगी हुई है लेकिन इसके बावजूद शहर में अब भी पॉलीथिन का जमकर इस्तेमाल हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 05:17 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:10 AM (IST)
रोक के बावजूद शहर में इस्तेमाल हो रहा पॉलीथिन
रोक के बावजूद शहर में इस्तेमाल हो रहा पॉलीथिन

मुकंद हरि जुल्का, नवांशहर : वासदेव परदेसी, नवांशहर

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पॉलीथिन के इस्तेमाल पर भले पाबंदी लगी हुई है, लेकिन इसके बावजूद शहर में अब भी पॉलीथिन का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। शहर का कोई भी रोड या गली हो, हर जगह दुकानदार और आम लोग पॉलीथिन का अवैध इस्तेमाल पहले की तरह जारी है। जगह-जगह कूड़े के ढेर देखने को मिलते हैं। शनिवार-रविवार की छुट्टी होने के कारण नगर कौंसिल के कार्यालय के बाहर ही कूड़े का ढेर लगा रहता है। इससे लोगों को आने जाने में बहुत दिक्कत होती है। कूड़ा दूर-दूर तक बदबू मारते हैं। इस समस्या पर तभी लगाम लगाई जा सकती है जब नगर कौंसिल कोई कड़ा कदम उठाए। कौंसिल के कर्मचारी समस्या पर अंकुश लगाने के लिए दुकानदारों के यहां छापे मारती है, लेकिन इसके बावजूद चोरी-छिपे पॉलीथिन बिक रहा है। रेहड़ी वाले पॉलीथिन और थर्मोकाल का खुलेआम इस्तेमाल कर रहे हैं। पॉलिथीन जानलेवा है यह जीवन के लिए जहर है। इससे निकलने वाली जहरीली गैसें हवा के साथ मिलकर उसे जहरीला बनाती हैं। यह पशुओं की मौत का कारण भी बनता है।

कागज व कपड़े का इस्तेमाल करें :नरेश कुमार

नरेश कुमार कैंथ का कहना है कि सभी को पॉलीथिन के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इसकी जगह कागज और कपड़े का प्रयोग करना चाहिए। रंग-बिरंगे पॉलिथिन वैसे ही कैंसर जनक रसायनों से बनते हैं और काले रंग के पॉलिथीन में तो सबसे ज्यादा हानिकारक रसायन होते हैं।

पानी के प्रवाह को रोक देता है पॉलीथिन : रोहित

रोहित कुमार जांगड़ा का कहना है कि पॉलिथिन हमारे स्वास्थ्य के साथ धरती के लिए भी खतरनाक है। यह पानी के रास्ते के साथ खनिजों के रास्ते को भी अवरुद्ध करता है। खुले में पॉलीथिन का फेंका जाना और भी खतरनाक है। यह मिट्टी को भुरभुरा कर देता है।

पानी में न बहाएं लिफाफे या कोई सामग्री : कंबोज

बब्बू कंबोज ने कहा कि नदी, नहरों, झीलों और तालाबों में हम न जाने कितना पॉलीथिन व सामग्री बहा देते हैं, जिससे पानी दूषित हो जाता है और बचा हुआ पॉलीथिन पानी में रहने वाले प्राणी अनजाने में निगल जाते हैं जिसके उनकी मौत भी हो जाती है।

कई साल तक जमीन में भी नहीं गलता पॉलीथिन : राकेश

राकेश कुमार ने कहा कि पॉलीथिन ऐसे रसायनों से बनाया जाता है, जो जमीन में सैकड़ों वर्ष तक दबा देने से भी नष्ट नहीं होता। 100 साल बाद यह जमीन से ज्यों का त्यों रहता है। पॉलीथिन से निकलने वाली जहरीली गैसें हवा को भी जाहरीला बना देती हैं।

राहगीरों के लिए परेशानी है कूड़ा : कौंसिल प्रधान

नगर कौंसिल प्रधान ललित मोहन पाठक ने कहा कि वह लोगों की परेशानी समझते हैं, लेकिन रविवार को छुट्टी होती है जिसके कारण कूड़ा नहीं उठाया जाता है। पाठक को मौका भी दिखाया गया। इस दौरान उन्होंने माना कि कूड़े के ढेर राहगीरों के लिए परेशानी हैं। समस्या का हल करवाया जाएगा।


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