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शहर में लगातार बढ़ रेह डेंगू के मरीज, फागिंग की व्यवस्था करने में प्रशासन नाकाम

ाहर में डेंगू के केस लगातार बढ़ रहे हैं पर नगर कौंसिल की ओर से फागिग सिर्फ उन्हीं स्थानों पर करवाई जा रही है जहां डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो जिले में इस समय कुल 85 केस आएं हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 10:24 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 10:24 PM (IST)
शहर में लगातार बढ़ रेह डेंगू के मरीज, फागिंग की व्यवस्था करने में प्रशासन नाकाम
शहर में लगातार बढ़ रेह डेंगू के मरीज, फागिंग की व्यवस्था करने में प्रशासन नाकाम

जागरण संवाददाता, नवांशहर : शहर में डेंगू के केस लगातार बढ़ रहे हैं, पर नगर कौंसिल की ओर से फागिग सिर्फ उन्हीं स्थानों पर करवाई जा रही है, जहां डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो जिले में इस समय कुल 85 केस आएं हैं। जिसमें से 50 से ज्यादा केस तो शहरी इलाकों से हैं। नगर कौंसिल की ओर से फागिंग को लेकर बिल्कुल भी गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। जिन स्थानों पर डेंगू के केस नहीं आए हैं, उन स्थानों पर फागिंग करवाई ही नहीं जा रही है। ऐसा लगता है जैसे कौंसिल इन इलाकों से केस आने के इंतजार में बैठा रहता है। लोगों का कहना है कि डेंगू से लोगो को बचाने के लिए उन क्षेत्रों में भी फागिग की जाए जहां से डेंगू के केस नहीं आ रहे हैं। 2020 में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 200 तक पहुंच गया था।

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-विभाग द्वारा सीजन में अब तक करीब 47 हजार 443 घरों व संस्थानों में जांच की गई है, जिसमें करीब 550 स्थानों से डेंगू का लारवा मिला है। सेहत विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डेंगू का लारवा साफ पानी में ही पनपता है। सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज अक्टूबर व नवंबर माह में ही मिलते हैं। डाक्टर जगदीप का कहना है कि अक्टूबर व नवंबर माह में डेंगू से बचाव करना बेहद जरूरी है।

--डेंगू मच्छर पैदा करने वाला पानी अक्सर घरों में रखे गए एयर कूलरों, टूटे बर्तनों, फ्रिज की वेस्ट वाटर ट्रे, गमलों, खाली बोतलों के अलावा घरों, संस्थानों में रखे गए पुराने टायरों आदि में बरसात के पानी या साफ पानी जमा होने के कारण पनपता है। साफ पानी के चार या एक हफ्ते से अधिक समय तक जमा रहने पर उसमें डेंगू के मच्छरों द्वारा अंडे देकर जानलेवा डेंगू मच्छर पैदा किए जाते हैं। डेंगू के लक्षण

इस बारे में जिला एपिडोमोलोजिस्ट डा.जगदीप का कहना है कि डेंगू बुखार के लक्षणों में सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, हड्डियों व जोड़ों में दर्द, उल्टी, आंखों के पीछे दर्द, ग्रंथियों में सूजन, हल्का बुखार आदि शामिल हैं। डेंगू बुखार के लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में यह गंभीर हो जाता है। डेंगू शाक सिड्रोम डेंगू का गंभीर रूप है। जो अक्सर डेंगू मरीजों की मौत का कारण बनता है। ऐसे करें बचाव

ठहरे हुए साफ पानी में एडीज मच्छर पनपता है। पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढक कर रखें और यदि आवश्यक हो तो एक उचित कीटाणुनाशक का उपयोग करें। मच्छरों के प्रजनन आधार विकसित करने की संभावनाओं को कम करने के लिए ऐसे किसी भी बर्तन या सामान को उल्टा करके रखें, जिसमें पानी इकट्ठा हो सकता है और सतहों को अच्छी तरह से साफ करें। दिन के समय मच्छर के काटने से बचें। बाक्स के लिए-

डेंगू व वायरल बुखार की वजह से लोगों के प्लेटलेट्स भी तेजी से कम हो रहे हैं। हर सप्ताह ब्लड डोनर्स कौंसिल से 20 से 30 लोग प्लेटलेट्स लेने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा गढ़शंकर क्षेत्र के लोग ब्लड डोनर्स कौंसिल में पहुंच रहे है। इस बारे में कार्यकारी अधिकारी अमरीक सिंह का कहना है पूरे शहर में डेंगू से बचाव के लिए फागिग करवाई जा रही है। किसी भी क्षेत्र को छोड़ा नहीं जा रहा है।


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