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आपरेशन कर पेट में छोड़ीं रूई और पट्टियां, एक साल तक इलाज के लिए भटकती रही महिला मरीज

पंजाब के नवांशहर के बलाचौर क्षेत्र में ऑपरेशन के बाद महिला मरीज के पेट में रूई और पट्टियां छोड़ दी गई। वह इलाज के लिए एक साल तक भटकती रही।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 11 Mar 2020 06:00 AM (IST)
आपरेशन कर पेट में छोड़ीं रूई और पट्टियां, एक साल तक इलाज के लिए भटकती रही महिला मरीज
आपरेशन कर पेट में छोड़ीं रूई और पट्टियां, एक साल तक इलाज के लिए भटकती रही महिला मरीज

योगेश मल्होत्रा, बलाचौर (नवांशहर)। पंजाब में इलाज में लापरवाही का मामला‍ फिर सामने आया है। यहां एक महिला ऑपरेशन के दौरान हुई लापरवाही के कारण एक साल तक पीडा़ झेलती रही। महिला ने यहां के सरकारी अस्‍पताल में ऑपरेशन से बच्‍चे को जन्‍म दिया था। ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही वह पेट में दर्द और अन्‍य समस्‍या ने उसका हाल बुरा कर दिया। करीब एक साल बाद खुलासा हुआ कि ऑपरेशन के बाद उसके पेट में रूई और पट्टियां छोड़ दी गई थीं। अब इसे चंडीगढ़ पीजीआइ में ऑपरेशन कर निकाला गया है।

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महिला ने बलाचौर के सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन से दिया था बच्चे को जन्म

पीडि़त महिला मरीज बलाचौर क्षेत्र के गांव मझोट की रहनेवाली है। पीडि़त महिला रंजना कुमारी के पति मनोज ने उसकी पत्‍नी ने करीब एक साल पहलक बलाचौर के सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन से बच्चे को जन्म दिया था। इसके बाद डॉक्टर की लापरवाही के कारण वह पत्‍नी को एक साल से यहां से वहां इलाज के लिए घूमते रहे।

परिजनों के साथ पीडित महिला मरीज।

रंजना कुमारी ने बताया कि पिछले साल मार्च में उन्होंने सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन से एक बच्चे को जन्म दिया। ऑपरेशन डॉकटर रूबी की अगुआई में हुआ था। रंजना ने बताया कि कुछ दिनों के बाद उनकी कोई नस ब्लॉक हो गई तथा उनके पैर में परेशानी आ गई। उन्होंने इस बारे में एक निजी अस्पताल में इलाज करवाया, बाद में उनके पेट में प्रॉब्लम आनी शुरू हो गई।

रंजना के पति मनोज कुमार ने बताया कि काफी इलाज के बाद भी पत्‍नी की तकलीफ कम न होती देख वह  उसे चंडीगढ़ पीजीआइ ले गए। वहां डॉक्टरों द्वारा टेस्ट करवाने के बाद ऑपरेशन करवाने की बात की गई। ऑपरेशन करवाने के बाद डॉक्टरों द्वारा (रिपोर्ट के अनुसार) रूई की पट्टियां पेट में से निकाली गईं। इसके बाद भी रंजना को आज भी चलने-फिरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वह अब तक इलाज पर करीब पांच लाख रुपये का खर्च कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि गलती तो डॉक्टर ने की है और भुगतना परिवार को पड़ रहा है।

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मामले को लेकर सेहत मंत्री के पास जाएंगे : सरपंच

इस बारे में सरपंच हीरा खेपड़ ने कहा कि इस मसले को वह सेहत मंत्री तक लेकर जाएंगे, ताकि संबंधित डॉक्टर और कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।

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डॉ. रूबी ने कहा- मेरी कोई गलती नहीं

इस संबंध में डॉ. रूबी का कहना है कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। ऑपरेशन उनकी पूरी टीम ने किया था। ऑपरेशन करने के बाद स्टिचिंग उनकी जूनियर ने लगाए तथा सामान की गिनती का काम सहयोगी स्टॉफ का था। जब इस बात का पता चला,  तो मैं बहुत दुखी हुईं। मगर, गलती मेरी नहीं है।

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शिकायत आने पर होगी मामले की जांच : एसएमओ डॉ. रविंदर सिंह

इस संबंध में एसएमओ डॉ. रविंदर सिंह ठाकुर का कहना है कि उन्हें इस केस के बारे में कुछ पता नहीं है। मीडिया द्वारा इस बारे में पता चला है। इस संबंध में कोई शिकायत नहीं आई है। अगर कोई शिकायत आती है, तो मामले की जांच की जाएगी।

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