कोरोना मरीज का नाम न किया जाए सार्वजनिक
शहर में कोरोना के मरीजों के साथ सोशल मीडिया पर अफवाहें भी बढ़ रही हैं।
मुकंद हरि जुल्का, नवांशहर : शहर में कोरोना के मरीजों के साथ सोशल मीडिया पर अफवाहें भी बढ़ रही हैं। आजकल वैसे भी अगर किसी दुकानदार ने किसी कारण अपनी दुकान को बंद रखा है तो उसकी दुकान बंद होने का कारण भी कोरोना वायरस भी बन जाता है। इसमें से कुछ सच हैं, तो कुछ अफवाह, जो इस महामारी के बीच फैले हुए डर की स्थिति को और बढ़ा रहे हैं। आए दिन जिल में पॉजिटिव केस आ रहे है ग्रामीण लोग शहरों में आने से डर रहे हैं। कुछ दुकानदारों के अनुसार व्यापार बिल्कुल ठप है। ऊपर से दुकानों के किराए बिजली का खर्चा, कर्मचारियों का वेतन तो चुकाना ही पड़ रहा है। कुछ दुकानदारों का कहना है कि इससे अच्छा प्रशासन द्वारा एक बार मुकम्मल लॉकडाउन लगा दे, तो ज्यादा अच्छा रहेगा। जो नए पॉजिटिव केस आ रहे हैं, उसको लगाम भी लगेगी। अगर एक बाजार में कोई केस आ जाता है, तो दूसरे बाजार में अफवाहों का दौर शुरू हो जाता है। अगर कोई पॉजिटिव व्यक्ति है तो लोग उसको बुरी नजर से ही देखते हैं। इससे उस मरीज का मनोबल कमजोर होता है। उन्होंने मांग की कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का नाम सार्वजनिक न किया जाए।
शहर में आने से डर रहे ग्रामीण
रेलवे रोड पर रहने वाले नवांशहर व्यापार मंडल के सीनियर उप प्रधान रवि सोबती ने कहा कि वह किरायना का काम करते हैं। अगर कोरोना का कोई पॉजिटिव केस आ जाता है तो उस व्यक्ति का नाम समाचार में और सोशल मीडिया में आने से पूरे जिले में पता चल जाता है। जिससे ग्रामीण लोग शहर में नहीं आते।
बाजारों में कम आ रहे लोग
ज्वैलर रजनीश जैन का कहना है एक तो हमारे कारोबार में पहले से ही भाव में तेजी है, हमारा कार्य विवाह शादियों से संबंधित है, जो कि आजकल बंद पड़ा है। दूसरा रोजाना पॉजिटिव केस आने से लोग बाजारों में खरीदारी बहुत कम कर रहे हैं। अगर कोई भी केस आता है तो प्रशासन उसको ज्यादा न फैलाएं।
अफवाहों से लोग दहशत में
रामसंस स्वीट्स के राकेश अरोड़ा और रेडीमेड कपड़ों का काम करने वाले राजेश ओहरी का कहना है कि राखी का त्योहार मंदी में गुजरा है। अगर कोरोना का कोई केस आ जाता है उस व्यक्ति का नाम समाचार में न आए, प्रशासन उसके नाम को गुप्त ही रखें, जिससे लोगों के अंदर दहशत का माहौल न बन सकें।