सिविल सर्जन ने टीकाकरण केंद्र हियाला का लिया जायजा
सिविल सर्जन डा. दविदर ढांडा के नेतृत्व में सेहत विभाग ने कोरोना वैक्सीनेशन का जायजा लिया।

जागरण संवाददाता, नवांशहर : सिविल सर्जन डा. दविदर ढांडा के नेतृत्व में सेहत विभाग ने कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त करने के लिए कोरोना रोधी टीकाकरण मुहिम छेड़ी हुई है। इसी क्रम में सिविल सर्जन डा. दविदर ढांडा ने टीकाकरण केंद्र हियाला में टीकाकरण के कामकाज का जायजा लिया। इस मौके पर उन्होंने स्टाफ को हिदायत करते हुए कहा कि अपने अधीन पड़ते क्षेत्र में योग्य व्यक्तियों की पहली और दूसरी डोज पर खास ध्यान केंद्रित किया जाए, जिससे लोगों की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ा कर कोविड के फैलाव को रोका जा सके।
सिविल सर्जन ने मिसाल देते हुए कहा कि कोविड की वैक्सीन, एक सीट बैलेट की तरह है, जो दुर्घटना दौरान चालक की जान बचाती है और इसी तरह यह वैक्सीन वायरस के साथ संक्रमित होने पर भी जान बचाती है और उसे अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रदेश में पिछले 7 महीनों में कोविड -19 के साथ जितनी मौतें हुई हैं, उनमें 88 प्रतिशत ऐसे थे, जिन्होंने कोविड टीकाकरण नहीं करवाया था। इसलिए कोरोना महामारी के साथ निपटने के लिए टीका ही लंबे समय का महत्वपूर्ण हल है और वायरस को रोकने के लिए एक प्रभावशाली हथियार है। लोगों को भी कोविड -19 विरुद्ध जंग में टीकाकरण की अहमियत को समझना चाहिए।
सिविल सर्जन डा. दविदर ढांडा ने जिले के योग्य व्यक्तियों से अपील करते हुए कहा कि वह कोविड से बचने के लिए अपना संपूर्ण टीकाकरण पहल के आधार पर करवाएं, क्योंकि यही कोविड से बचने का सब से शक्तिशाली हथियार है। प्रदेश में कोविड की संक्रमण दर उच्च स्तर पर चल रही है, जिस कारण आने वाले समय में कोविड के ओर फैलने का खतरा बना हुआ है। हालाकि जिले में ऐसी स्थिति को देखते हुए सेहत विभाग किसी भी तरह की आपदा के साथ निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सिविल सर्जन डा. ढांडा ने हर व्यक्ति द्वारा कोविड के उचित व्यवहार की सख्ती के साथ पालना करने की अपील की, क्योंकि ओमीक्रोन वैरिएंट की संक्रमण की दर डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा तीन गुणा ज्यादा है। इस मौके पर सुशील कुमार, अमृतपाल सिंह और एएनएम हरजिदर कौर सहित सेहत विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
Edited By Jagran