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डेंगू से बचाव के लिए राहों के मोहल्लों में किया दवा का छिड़काव

ां एक ओर कोरोना महामारी से लोगों को बचाने में लगा हुआ है। वहीं दूसरी ओर उसने डेंगू बुखार को रोकने के लिए भी कमर कस ली है। इस संदर्भ में सिविल सर्जन डा. जीके कपूर के दिशा-निर्देशों पर शहर में सेहत विभाग की टीमों ने विभिन्न मोहल्लों में डेंगू के लारवा की चेकिग की और नालियों व गलियों में दवा का छिड़काव भी किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 11:14 PM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 06:29 AM (IST)
डेंगू से बचाव के लिए राहों के मोहल्लों में किया दवा का छिड़काव
डेंगू से बचाव के लिए राहों के मोहल्लों में किया दवा का छिड़काव

संवाद सहयोगी, राहों

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सेहत विभाग जहां एक ओर कोरोना महामारी से लोगों को बचाने में लगा हुआ है। वहीं दूसरी ओर उसने डेंगू बुखार को रोकने के लिए भी कमर कस ली है। इस संदर्भ में सिविल सर्जन डा. जीके कपूर के दिशा-निर्देशों पर शहर में सेहत विभाग की टीमों ने विभिन्न मोहल्लों में डेंगू के लारवा की चेकिग की और नालियों व गलियों में दवा का छिड़काव भी किया।

इस दौरान सेहत विभाग के हेल्थ इंस्पेक्टर रविइंद्र सिंह की अगुआई में चार टीमों ने विभिन्न मोहल्लों में घर-घर जाकर डेंगू का लारवा चेक किया। इस बारे में हेल्थ इंस्पेक्टर रविइंद्र सिंह, ब्रीडर चेकर गुरदीप सिंह व मोहनलाल ने बताया कि गर्मी का मौसम आते ही डेंगू के मच्छर पैदा होना शुरू हो जाते हैं। ये हमेशा रुके हुए साफ पानी में ही पैदा होता है। इसलिए घरों में रखे गमलों, घरों की छतों पर पड़े कबाड़, फ्रिज के नीचे लगी वेस्ट पानी की ट्रे, कूलरों में रुके हुए पानी, घर के आसपास छोटे-छोटे गड्ढों को हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें, ताकि डेंगू के मच्छर न पनप सकें। उन्होंने कहा कि डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।

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-डेंगू के लक्षण

-तेज बुखार आना

-सिर दर्द रहना

-मांसपेशियो में दर्द रहना

-शरीर की चमड़ी पर दाने होना

-आंखों के पिछले हिस्से में दर्द रहना

-मसूड़ों तथा नाक से खून का बहना

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बचाव के तरीके

-कूलरों तथा फ्रिज की ट्रे में खड़े पानी को हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें।

-कपड़े इस तरह के पहनें, जिससे सारा शरीर ढका रहे।

-सोते समय मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाली क्रीम तथा तेल आदि का इस्तेमाल करें।

-बुखार होने पर डाक्टरों की सलाह के बिना कोई भी दवा न खाएं।

-छतों पर रखी पानी की टंकियों के ढक्कन को भी अच्छी तरह बंद करके रखें।

-बेहड़े तथा छतों पर रखे कबाड़ में पानी इकट्ठा न होने दें।

-पानी तथा तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा पीएं।


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