Move to Jagran APP

भिखारी सड़क पर, मजदूर वर्ग रैन बसेरा में

नवांशहर स्थानीय बस स्टैंड के पास पेड़ के नीचे राजस्थान की एक भिखारी महिला कड़ाके की ठंड में रात गुजारने को विवश है। इस बारे में जब उससे बात की गई तो उसने अपना नाम सरना देवी निवासी जूनागढ़ राजस्थान की रहने वाली बताया। शहर में वह और उसका पति भीख मांगते हैं। रात गुजारने के लिए उनके लिए उनके पास कोई भी सहारा या आशियाना नहीं है। इसलिए वह अपने पति के इंतजार में बस स्टैंड के पास खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 10:00 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 05:59 AM (IST)
भिखारी सड़क पर, मजदूर वर्ग रैन बसेरा में
भिखारी सड़क पर, मजदूर वर्ग रैन बसेरा में

मोहम्मद शाहिद, नवांशहर

loksabha election banner

स्थानीय बस स्टैंड के पास पेड़ के नीचे राजस्थान की एक भिखारी महिला कड़ाके की ठंड में रात गुजारने को विवश है। इस बारे में जब उससे बात की गई, तो उसने अपना नाम सरना देवी निवासी जूनागढ़ राजस्थान की रहने वाली बताया। शहर में वह और उसका पति भीख मांगते हैं। रात गुजारने के लिए उनके लिए उनके पास कोई भी सहारा या आशियाना नहीं है। इसलिए वह अपने पति के इंतजार में बस स्टैंड के पास खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर है। उसे इसकी भी जानकारी नहीं है कि शहर में बेसहारा लोगों के लिए रैन बसेरा है। वहीं आसपास को ई ऐसा बोर्ड या फ्लैक्स भी नहीं लगा हुआ है, जिससे उसे इसके बारे में पता चले और वह वहां जाकर रात बिता सके।

नगर कौंसिल की लापरवाही व पुलिस प्रशासन की अनदेखी के कारण सरना देवी जैसे लोग शहर में रैन बसेरा होते हुए भी खुले में सर्द भरी रात में सोने को विवश हैं।

उधर, इस बारे में बस स्टैंड से लगभग दो किलोमीटर दूर रेलवे रोड पर स्थित रैन बसेरा की देखरेख करने वाले चंद्रशेखर ने बताया कि रैन बसेरे में शहर में सरकारी सड़कें बनाने वाले ठेकेदार, बिजली का काम करने वाले ठेकेदार व सीवरेज के ठेकेदारों के मजदूर ठहरे हुए हैं। उनके अलावा यहां पर किसी भी मुसाफिर को ठहराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि रेन बसेरा बहुत अच्छा बना हुआ है। पूरे रैन बसेरे में सारी व्यवस्था नगर कौंसिल की देखरेख में है। मगर, बेड पर बिछाने के लिए पर्याप्त चादरें नहीं है और न ही मुसाफिरों को ओढ़ने के लिए कंबल। यहां महज 18 बेड में से सिर्फ आठ पर ही बिछाने के लिए चादरें हैं। रैन बसेरे में साफ सफाई करने के लिए भी नगर कौंसिल द्वारा कोई भी सामान उपलब्ध नहीं किया हुआ है। बस ठेकेदारों ने अपने मजदूर यहां बुला रखे हैं और इनमें से लगभग 30 मजदूर यहां रह रहे हैं। हालांकि जो भी ठेकेदार हैं उनकी जिम्मेदारी है कि वह अपनी लेबर को कहीं भी उनके लिए अपने खर्चे पर रिहायश लेकर दे, न कि रैन बसेरे में उनका आशियाना बना दें।

------------

फ्लैक्स लगाकर करेंगे जागरूक : ईओ

नवांशहर के कार्यकारी अधिकारी राम प्रकाश ने कहा है कि अगर रैन बसेरा के बारे में लोगों को पता नहीं चल रहा है, तो इसके बारे में फ्लैक्स लगा कर लोगों को जानकारी दी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.