बंगा विधानसभा सीट पर देखने को मिलेगा रोचक मुकाबला
पंजाब विधानसभा क्षेत्र- 46 जिला नवांशहर में हाट सीट के रूप में सामने है।

जगदीश कलसी, बंगा: पंजाब विधानसभा क्षेत्र- 46 जिला नवांशहर में हाट सीट के रूप में सामने है। विभिन्न राजनीतिक दलों से दो विधायक टिकट पाने की आस में मैदान में हैं तथा एक विधायक पुत्र व पुत्री समेत एक पूर्व विधायक पुत्र को बंगा से टिकट मिल चुकी है। जिक्रयोग है कि बंगा से पूर्व सांसद सतनाम सिंह कैंथ के पुत्र हरप्रीत सिंह कैंथ कांग्रेस से टिकट की अपेक्षा में है। इसी तरह पूर्व विधायक चौधरी राम लुभाया की पुत्री नमिता चौधरी भी बंगा से टिकट की इच्छुक हैं। उधर आम आदमी पार्टी ने बंगा शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक बलवंत सिंह सरहाल के पुत्र कुलजीत सिंह सरहाल को टिकट दे दिया है। इसके अलावा बंगा से शिरोमणि अकाली दल बादल के उम्मीदवार मौजूदा विधायक डा. सुखविदर कुमार सुक्खी अकाली दल-बसपा गठजोड़ के उम्मीदवार हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता चौधरी स्वर्णा राम के पुत्र व बंगा के पूर्व विधायक चौधरी मोहन लाल बंगा से भाजपा की टिकट के दावेदार हैं, मगर अभी तक भाजपा ने कोई भी उम्मीदवार नहीं बनाया है। चौधरी मोहनलाल के पिता चौधरी स्वर्णा राम ने बंगा क्षेत्र में भाजपा की ग्रामीण साख मजबूत की थी। बाद में वह फगवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में चले गए तथा उन्होंने फगवाड़ा को अपनी राजनीति कर्मभूमि बनाई। इसके अलावा चौधरी जगतराम सूंढ के पुत्र तथा बंगा से दो बार विधायक रहे चौधरी तिरलोचन सिंह सूंढ भी कांग्रेस की टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। बंगा में पार्टी जिस किसी को भी टिकट देगी, वह विधायक पुत्र या पूर्व विधायक ही होगा। वहीं बंगा से विधायक व शिरोमणि अकाली दल बसपा गठजोड़ के उम्मीदवार डा. सुखविदर कुमार सुखी के पिता चौधरी रामरतन पूर्व तहसीलदार थे। इसके अलावा वह बसपा मूवमेंट में बड़ी भूमिका निभाने वाले नेता रहे हैं। पार्टी से अलग होकर उन्होंने नवांशहर में चुनाव भी लड़ा। बाद में उनके पुत्र शिरोमणि अकाली दल बादल में शामिल हो गए तथा जिला योजना कमेटी नवांशहर के चेयरमैन बनने के उपरांत बंगा से विधायक चुने गए तथा मौजूदा रूप में शिरोमणि अकाली दल बादल तथा बसपा गठजोड़ के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस में चौधरी परिवार का रहा है दबदबा बंगा विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा दबदबा चौधरी जगतराम सूंड के परिवार का रहा है। चौधरी जगतराम के पुत्र तिरलोचन सिंह सूंढ बंगा से दो बार विधायक रहे हैं तथा पिछली बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था। इसके चलते वह विरोध में उतर आए तथा आजाद चुनाव लड़े थे। अब वह फिर पार्टी में सक्रिय हैं। चौधरी जगतराम सूंढ ने बलवंत सिंह सरहाल, हरभजन सिंह, हरगुरआनंद सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को बंगा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी मात दी थी। हरप्रीत कैंथ कांग्रेस से टिकट की आस में 1992 में बंगा विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले सतनाम सिंह कैंथ के पारिवारिक का कोई भी राजनीतिक सरोकार नहीं था। बसपा के संस्थापक साहिब बाबू कांशीराम की प्रेरणा से सतनाम सिंह कैंथ राजनीति में आए तथा उन्हें 1992 में विधायक बने। बसपा की आपसी खींचतान का शिकार हुए, उसके बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। अब उनके बेटे हरप्रीत सिंह कैंथ उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए हाई कमान से टिकट मिलने की आस में है। अभी यह दल भी तलाश रहे हैं जमीन शिरोमणि अकाली दल मान ने मक्खन सिंह तारपुरी को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा संयुक्त समाज मोर्चा की ओर से आप की टिकट के दावेदार रहे राज को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा भी विधानसभा क्षेत्र में है। इसके इलावा सीपीआइ, सीपीएम, लोक भलाई पार्टी के गठजोड़ में उम्मीदवार की घोषणा होनी बाकी है। इसके अलावा क्षेत्र में टीएमसी तथा जय जवान जय किसान पार्टी भी अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही है। शिरोमणि अकाली दल बादल-बसपा गठजोड़ के सिवा बंगा में टिकट देने के लिए कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, संयुक्त पंजाब लोक कांग्रेस तथा भाजपा गठजोड़ के लिए बंगा से उम्मीदवार उतारना टेढी खीर बनी हुई है।
Edited By Jagran