इफ्टू 26 को केंद्र व पंजाब सरकार के पुतले फूंकेगी
26 जून को प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के विरोध में रोष प्रदर्शन किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नवांशहर : इफ्टू
26 जून को प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के विरोध में अर्थी फूंक रोष प्रदर्शन करेगी। इफ्टू के प्रदेश अध्यक्ष कुलविदर सिंह बड़ैच ने कहा कि इंडियन फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियन (इफ्टू) कांग्रेस पार्टी की इंदिरा गांधी सरकार की तरफ से 26 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लाने के 46 वर्ष पूरे होने पर व मौजूदा मोदी सरकार की तरफ से अघोषित इमरजेंसी, मानवीय अधिकारों को खत्म किए जाने, काम कानूनों में संशोधन के नाम पर मजूदर विरोधी लाए चार श्रम कानूनो और पेट्रोल, डीजल की कीमतों के शिखरों को छूने के विरोध में 26 जून को पंजाब भर में केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब की कैप्टन सरकार विरुद्ध अर्थी फूंक प्रदर्शन किए जाएंगे।
राज्य के प्रेस सचिव जसबीर दीप ने बताया कि एक बैठक में यह फैसला लिया गया। इस मीटिग को कुलविंदर सिंह बड़ैच, सूबा जनरल सचिव राज मलोट, सूबा सचिव रमेश राणा ने संबोधन किया। नेताओं ने कहा कि भारतीय इतिहास में 26 जून को काले दिन के तौर पर याद किया जाता है, जिस दिन इंदिरा गांधी की सरकार की तरफ से आजादी का गला घोंट दिया गया। सरकार के हर आलोचक को जेलों की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया। दलील और अपील के सभी रास्ते बंद कर दिए गए। एक तरह से साफ तौर पर लोकतंत्र का कत्ल कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आज मोदी सरकार अवैध अघोषित इमरजेंसी लगाकर इंदिरा गांधी सरकार से भी चार कदम आगे गुजर गई। सरकार की अलोचना करने वाले वकीलों, लेखकों, नेताओं, कवियों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, विद्यार्थियों पर देश द्रोह के झूठे केस दर्ज करके उन को जेलों में डाला जा रहा है। नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने मजदूर समर्थक श्रम कानून खत्म करके मजदूर विरोधी और पूंजीपतियों के समर्थन के चार श्रम कानून ला कर अपना म•ादूर विरोधी चेहरा नंगा कर लिया है। पेट्रोल और डीजल की नित्य बढ़ रही कीमतों की निदा करते इसके लिए मोदी सरकार के साथ पंजाब की कैप्टन सरकार को भी जिम्मेवार ठहराया है। उन्होंने इफ्टू के साथ जुड़ी सभी तत्थेबंदियों को 26 जून को सड़कों पर निकलने का न्योता दिया है। इस मौके अवतार सिंह तारी, जोगिन्दर पाल और गुरदयाल रक्कड़ भी मौजूद थे।