पंजाब की सभी राजनीतिक पार्टियां किसान आंदोलन का हिसास बनें : राणा कर्ण सिंह
टोल प्लाजा बछुआं में सुबह साढ़े नौ बजे संयुक्त किसान मोर्चा की काल पर धरना लगाया।
संवाद सहयोगी, काठगढ़ : टोल प्लाजा बछुआं में सुबह साढ़े नौ बजे संयुक्त किसान मोर्चा की काल पुर चंडीगढ़ राज भवन के घेराव के लिए किसानों के काफिले पहुंचने लगे, धीरे-धीरे विशाल इकट्ठा का रूप धारण कर गया। टोल प्लाजा पर किसान मोर्चा के कनवीनर राणा कर्ण सिंह ने काफिले की अगुवाई की उनके साथ कामरेड महा सिंह रौड़ी, सतनाम जलालपुर, अशोक कटारिया, मास्टर प्रेम रक्कड़, रंजीत सिंह रटैंडा, अमरजीत सिंह संधू प्रधान भारतीय किसान यूनियन दोआबा जोन आदि नेताओं ने संयुक्त रूप में की। इस अवसर पर राणा कर्ण सिंह ने कहा कि पंजाब की सभी राजनितिक पार्टियां किसान आंदोलन का हिस्सा बनें, अभी विधान सभा चुनाव बहुत दूर हैं। राणा कर्ण सिंह ने किसानों का संघर्ष आरपार की लड़ाई में तबदील हो रहा है। समूचा देश किसानों के साथ खड़ा हो गया है। परन्तु केंद्र सरकार टस से मस नहीं हो रही है। यह ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री बोल रहे हैं कि बात करने को तैयार हैं, परन्तु कानून नहीं रद्द होंगे। फिर बात क्या हो सकती है, कामरेड महा सिंह रौड़ी ने कहा किकेट्रोल, डीजल के दाम कहां पहुंच गए पेट्रोल का रेट दोगुना हो गया है। अब सौ रुपये तक पहुंच गाय है। तेल की कीमत का आप अंदाजा लगाएं, वह भी आम लोगों की पहुंच के बाहर हैं। सतनाम जलालपुर, अशोक कटारिया ने कहा कि जब तक तीनों कानून रद नहीं होंगे, संघर्ष जारी रखा जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के नेता रंजीत सिंह रटैंड़ा तथा दोआबा जोन के प्रधान अमरजीत सिंह संधू ने कहा कि किसान आंदोलन को और तेज कर दिया जाएगा। आज राज्यपाल का घेराव एक मिसाल कायम कर देगा, क्योंकि ऐसा पहले हुआ नहीं है।
राज्यापल का घेराव को जाने से पहले केंद्र का पुतला जलाला
राज्यपाल का घेराव करने के लिए किसानों का भारी इकट्ठा होकर टोल प्लाजा पर जमा हो गया और जमकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जाने से पहले केंद्र सरकार का पुतला जलाया गया और नारेबाजी की। इस अवसर पर मदन मीलू, स्वर्ण सिंह, देसराज पूर्व सरपंच, गुरदयाल सिंह, जोगा सिंह चैहल, सतिदर पाल सिंह, मोहन सिंह, गुरदयाल सिंह, हंसराज मीलू, करनैल सिंह, सोहन सिंह, अमरीक सिंह, कुलदीप दयालां, कैप्टन रघवीर सिंह, बलवीर कोलगढ़, जोगिदर सिंह अटाल मजारा, कुलविदर सरपंच, रामपाल, गुरमुख सिंह आदि शामिल थे।