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दीपदान का मतलब है भगवान के समक्ष निवेदन करना : स्वामी कमलानंद

श्री राम भवन में चल रहे वार्षिक कार्तिक महोत्सव में कमलानंद गिरि ने प्रवचन किए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 09:48 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 09:48 PM (IST)
दीपदान का मतलब है भगवान के समक्ष निवेदन करना : स्वामी कमलानंद
दीपदान का मतलब है भगवान के समक्ष निवेदन करना : स्वामी कमलानंद

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब

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श्री राम भवन में चल रहे वार्षिक कार्तिक महोत्सव के दौरान शनिवार को दीपदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि ने कहा कि कार्तिक माह में दीपदान का बहुत महत्व होता है। कार्तिक के समापन पर रजबाहे में जाकर दीप दान करने का विधान होता है। दीप दान का मतलब होता है, दीपक प्रज्वलित करना। दीपक भगवान के समक्ष एक निवेदन करना होता है। जगमग करते दीपक को देखकर भगवान भक्त के बिना कुछ बोले ही सब कुछ समझ जाते हैं। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान अवश्य करें। स्वामी जी ने कहा कि 30 नवंबर को रात्रि घरों में भी दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव मनाएं।

कमलानंद गिरि ने कहा कि पृथ्वी में कोई राज्य करता हो और तीनों लोकों में उसका सुन्दर प्रभाव पड़े ये प्रताप सिर्फ भगवान श्री राम चंद्र जी में ही हो सकता है। भगवान श्री राम के शासन में केवल पृथ्वी के ऋषि-मुनि, जंगम ही नहीं बल्कि स्वर्ग, बैकुंठ, गोलोक और शिवलोक में रहने वाले भी सभी अति प्रसन्न रहते थे। अवध के श्रीराम और मथुरा के श्रीकृष्ण से हमको इतना लाभ नहीं मिलेगा। जितना लाभ अपने हृदय को ही अयोध्या और मथुरा बनाकर उसमें निरन्तर श्रीराम और श्रीकृष्ण के दर्शन करने से मिलेगा। माता-पिता और गुरु की सेवा भगवद पूजा के समान ही है। भगवान जब देते हैं तो भक्त को चारों हाथों से लुटाते हैं और जब भगवान भक्तों की परीक्षा लेते हैं तो दीन-हीन, गरीब, अनाथ या फिर भिक्षु बनकर द्वार पर आकर याचना करते हैं। किसी को कुछ न भी दे सके तो चलेगा, पर किसी का अपमान हो ऐसा व्यवहार कभी करना नहीं चाहिए। बुद्धि जब तक सात्विक श्रद्धा से सराबोर नहीं होती तब तक मन साधना में नहीं लगता। समय मिले तो तीर्थों में जाकर अच्छे और सच्चे संत की संगति करके मन को सात्विक बनाना चाहिए। 30 नवंबर को श्रद्धालु जाएंगे रजबाहे में दीप दान करे। श्री राम भवन में चल रहे वार्षिक कार्तिक महोत्सव का 30 नवंबर को समापन समारोह होगा। इस उपलक्ष्य में स्वामी जी की अध्यक्षता में दीप दान उत्सव का आयोजन भी होगा। श्रद्धालु स्वामी जी के नेतृत्व में सुबह सवा पांच बजे श्री राम भवन से प्रभातफेरी के रुप में रवाना होंगे।श्रद्धालु टिब्बी साहिब रोड से जलालाबाद रोड स्थित रजबाहे पर दीप दान करने पहुंचेंगे। जहां रजबाहे पर श्रद्धालु दीप प्रज्जवलित कर प्रवाहित करेंगे। कार्तिक महोत्सव के समापन मौके हवन यज्ञ भी होगा। श्री कल्याण कमल सत्संग समिति की ओर से श्रद्धालुओं को कार्तिक महोत्सव के समापन समारोह के दिन बढ़-चढ़कर दीपदान करने की अपील की गई है।


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