मोक्ष के चार मार्ग : प्रदीप रश्मि
अनंत काल से जीव चार गतियों में भटक रहा है।
संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)
अनंत काल से जीव चार गतियों में भटक रहा है। इस भटकन को आवागमन कहते हैं। मनुष्य जन्म पाने के बाद जब उसे समझ आती है कि वह अनंत काल से भटक रहा है तब वह इस आवागमन से मुक्त होना चाहता है। इसे ही मोक्ष कहा गया है । यह विचार पंजाब सिंहनी प्रदीप रश्मि ने एसएस जैन सभा के प्रांगण में प्रवचन करते हुए कहे।
उन्होंने बताया कि परमात्मा प्रभु महावीर ने मोक्ष के चार रास्ते बताए हैं। ज्ञान, दर्शन, चरित्र और तप। सब रास्ते समान नहीं हुआ करते हैं। अगर मंजिल तक जाने के सब रास्ते समान होते तो व्यक्ति को रास्ता पूछने की जरूरत न होती। कोई रास्ता उबड़ खाबड़ होता है ,किसी रास्ते में हिसक पशुओं और चोरों का भय होता है, कोई रास्ता टेढा मेढ़ा होता है, कोई रास्ता लंबा और कठिन होता है लेकिन कोई सुगम होता है। प्रभु महावीर में मोक्ष जाने के लिए यह चार सुगम मार्ग बताए हैं। इन चार मार्गों में पराक्रम कर इंसान आवागमन से मुक्त हो सकता है।
पंजाब विधानसभा के स्पीकर श्री अजयाब सिंह भट्टी के पुत्र श्री अमनप्रीत सिंह महसाध्वी जी के दर्शनार्थ पहुंचे। एसएस जैन सभा के प्रधान प्रवीण जैन, कोषाध्यक्ष रमेश जैन, लाली जी गगनेजा, अमन कुमार जैन, बिहारी लाल जैन ने हार माला अर्पण कर उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर प्रधान, कोषाध्यक्ष संघ के सदस्यो और लाली गगनेजा सभी श्रद्धालुओं के सहयोग से नई सड़क का शुभारंभ किया गया और इस सड़क का नाम सहर्ष डा. रवि रश्मि मार्ग घोषित किया गया।