नोटिस जारी होने के बाद भी नहीं दी आरटीआई की सूचना, कार्रवाई की मांग
सूचना के अधिकार एक्ट-2005 के अनुसार किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा संबंधित अदारे से मांगी गई सूचना एक महीने के अंदर देनी जरूरी होती है।
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब : सूचना के अधिकार एक्ट-2005 के अनुसार किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा संबंधित अदारे से मांगी गई सूचना एक महीने के अंदर देनी जरूरी होती है। परंतु कई अदारे इस एक्ट की प्रवाह नहीं करते और समय पर सूचना नहीं देते। ऐसी ही लापरवाही का मामला बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साईंसज फरीदकोट का सामने आया है। मुक्तसर निवासी ऑल इंडिया एससीबीसीएसटी एकता भलाई मंच के राष्ट्रीय प्रधान जगदीश राय ढोसीवाल ने 23 अक्टूबर को युनिवर्सिटी से अपने अधीन चल रहे नर्सिंग कॉलेजों में वार्षिक परीक्षा के लिए डी-बार (आयोग घोषित) किए कर्मचारियों की आरटीआई एक्ट अधीन सूचना मांगी थी। यूनिवर्सिटी द्वारा जरूरी सूचना ना देने के कारण ढोसीवाल ने इसकी अपील युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को लिखित में की थी। रजिस्ट्रार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यूनिवर्सिटी के परीक्षा कंट्रोलर और अमला शाखा के इंचार्ज को बीती 31 दिसंबर 2019 को पत्र नंबर 02-बीएफयूएचएस/ (अपील-29/19) 27391-94 जारी कर दिया। नोटिस के अनुसार उक्त दोनों ब्राचों को मांगी गई सूचना के तुरंत यूनिवर्सिटी के पास सूचना अधिकारी को देने की हिदायत की गई थी। पत्र की कापी प्रधान ढोसीवाल को भी भेजी गई है। ढोसीवाल ने बताया कि रजिस्ट्रार द्वारा नोटिस जारी होने के 17 दिन बाद भी उनको मांगी गई सूचना नहीं दी गई। ढोसीवाल ने शंका जताई है कि परीक्षा कंट्रोलर और अमला शाखा की मिली भगत से डी-बार किए कर्मचारी अभी भी वार्षिक परीक्षा में ड्यूटी दे रहे होंगे। ऐसे मामलों की गंभीरता से पड़ताल करनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि मांगी गई सूचना उन्हें तुरंत दी जाए और सूचना में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।