Move to Jagran APP

जो धर्म के पांच लक्ष्णों को पहचानता है वही कर सकता है धर्म की रक्षा : स्वामी दिव्यानंद

स्वामी दिव्यानंद गिरि जी ने कहा कि धर्म की पांच बातें हमेशाी याद रखनी चाहिएं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 03:54 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 03:54 PM (IST)
जो धर्म के पांच लक्ष्णों को पहचानता है वही कर सकता है धर्म की रक्षा : स्वामी दिव्यानंद
जो धर्म के पांच लक्ष्णों को पहचानता है वही कर सकता है धर्म की रक्षा : स्वामी दिव्यानंद

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब

loksabha election banner

स्वामी दिव्यानंद गिरि ने कहा कि धर्म की पांच बातें हमेशाी याद रखनी चाहिएं। जो धर्म के पांच लक्षणों को पहचानता है वो ही सही मायने में धर्म की रक्षा कर सकता है। महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद गिरि ने ये विचार शुक्रवार को श्री रघुनाथ मंदिर में माघ महात्म्य भक्ति ज्ञान यज्ञ कथा के दौरान प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए व्यक्त किए।

स्वामी जी ने कहा कि पहला लक्षण सत्य है। मनुष्य को कभी भी सत्य की राह नहीं छोडऩी चाहिए। चाहे मनुष्य पर कितनी भी विपदा आ जाए उसे हमेशा सत्य की राह पर चलते रहना चाहिए। किसी का अगर भला हो रहा हो तो ऐसा झूठ बोलने से भगवान नाराज नहीं होते। मगर बेवजह झूठ कभी मत बोलते रहें।

दूसरा लक्षण है दया। किसी को पीड़ा न पहुंचाना। किसी को खुशी नही दे सकते तो उन्हें गम देने का अधिकार भी आपको नहीं है। इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है। अगर आप अच्छे इंसान नहीं है तो आप कुछ भी नहीं हैं। जिसमें दया भाव नहीं है वो इंसान कहलाने लायक नहीं है। धर्म व जात-पात के नाम पर झगड़ा न करें। तीसरा लक्षण है पवित्रता। घर, मन व शरीर को हमेशा पवित्र रखें। जिस घर में जितनी पवित्रता होगी, वहां लक्ष्मी आती है। जिस घर में जितनी ज्यादा गंदगी होगी, वहां दरिद्रता आती है। इसलिए हमेशा घर का आंगन स्वच्छ व साफ होना चाहिए।

चौथा लक्षण है तपस्चर्या। शरीर को साफ रखने के लिए तो मार्केट में तरह-तरह के साबुन, शैंपू मिलते हैं मगर मनुष्य का शरीर जितना साफ है मन उतना ही काला है। विचार उतने ही बुरे हैं। वाणी उतनी ही खराब है। शरीर के साथ-साथ वाणी व विचार पवित्र रखें। किसी को कुछ कहने से पहले सौ बार सोचें। किसी को बिना सोचे-विचारे बुरा न कहें।

पांचवां लक्षण है तितिक्षा अर्थात भगवान जो भी दे उसे प्रसाद समझकर ग्रहण करें। चाहे वो दुख, संकट आदि हो क्यों न हो। हंसते हुए स्वीकार करें। भगवान कभी किसी का बुरा नहीं चाहते। उन्हंोने आपके लिए कुछ अच्छा ही सोचा होगा। समय आने पर सब अपने आप ठीक हो जाएगा। इस मौके बड़ी गिनती में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर स्वामी दिव्यानंद गिरि जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.