भक्ति ही मानव जीवन का एकमात्र लक्ष्य है : हरपिदर भारती
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के द्वारा विशाल नगर गली नंबर तीन में स्थित आश्रम में सत्संग समागम का आयोजन किया गया।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के द्वारा विशाल नगर गली नंबर तीन में स्थित आश्रम में सत्संग समागम का आयोजन किया गया। आशुतोष महाराज जी की शिष्य साध्वी हरपिदर भारती ने प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि परमात्मा की भक्ति ही मानव जीवन का एकमात्र लक्ष्य है। भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति के लिए अथक प्रयास करता रहता है जिसका परिणाम आज हमारे सामने है। आज हर कोई चिता ग्रस्त एवं दुखी है, समाज में बुराइयां फैल गई है कि अच्छाई का अब दम घुटता नजर आ रहा है। स्वयं में परिवर्तन लाएगा तभी ही समाज में परिवर्तन आएगा। साध्वी ने कहा कि यह तब ही संभव हो सकता है, जब हर एक व्यक्ति को अपने भीतर झांकना आ जाएगा,जब वह अपने आत्मिक स्वरूप को जान जाएगा। संत महापुरुष भी यही समझाते हैं कि स्वयं को जानो क्योंकि यह जीव परमात्मा का अंश है, ईश्वर अंश जीव अविनाशी। परमात्मा के द्वारा हमेशा बुराई का अंत किया गया है। ब्रह्म ज्ञान के द्वारा ही स्वयं को जाना जा सकता है। जिसे केवल पूर्ण ब्रह्म निश्रेष्ठ सद्गुरु ही प्रदान कर सकते हैं। सद्गुरु ब्रह्म ज्ञान की युक्ति बता कर ही बुराई के रास्ते चलने वाले लोगों को अच्छाई की राह पर ले आते हैं, और वहीं से आरंभ होता है श्रेष्ठ मानव का। जब श्रेष्ठ मानव होंगे तभी श्रेष्ठ समाज होगा। अंत में साध्वी वसुधा भारती जी के द्वारा मधुर भजनों का गायन किया गया और प्रसाद का वितरण भी किया गया।