प्रजापति ब्रह्म बाबा त्याग व तपस्या की प्रतिमूर्ति थे : बीके शीला
प्रजापिता ब्रह्मकुमारी इश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्म बाबा का 53वां स्मृति दिवस स्थानीय सेवा केंद्र में मनाया जा रहा है।

संवाद सूत्र, गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब) : प्रजापिता ब्रह्मकुमारी इश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्म बाबा का 53वां स्मृति दिवस स्थानीय सेवा केंद्र में मनाया जा रहा है। सेवा केंद्र की संचालिका राजयोगनी ब्रह्मकुमारी शीला दीदी और ब्रह्मकुमारी रजनी बहन ने कहा कि प्रजापिता ब्रह्म बाबा त्याग, तपस्या, दया और रहम की प्रति मूर्ति थे। प्रजापिता ब्रह्म बाबा नारी जाति का बहुत सम्मान करते थे। जिस नारी को लोग पैर की जूती समझते थे, उस नारी को सिर पर उठाया। बाबा का पूरा नाम दादा लेखराज था। उनका जन्म साल 1876 में सिध हैदराबाद के एक मुख्य अध्यापक के घर हुआ था। साल 1937 में जब उनमें परमात्मा शिव ने प्रवेश किया तो उनका नाम प्रजापिता ब्रह्म रखा गया। विश्व भर के 148 देशों और 9000 सेवा केंद्रों पर विश्व शांति दिवस के रूप में यह दिन मनाया जा रहा है। इस मौके मैनेजर गुरविदर सिंह, वेदा प्रकाश गोयल, बलदेव कृष्ण, हरदेव सिंह, विजय मोंगा, प्रकाश कौर, किरण कुमारी, आशा नागपाल, कौशल्या गोयल भूषन कुमार, सीमा सचदेवा, निर्मला रानी, चमक रानी, योगेश ग्रोवर, सुखविदर बहन, रजनी बहन, रेखा बहन, हैपी बहन, पूजा बहन, चंदा बहन आदि भी मौजूद थे।
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