मन की शांति ही आत्मिक संतुष्टि का आधार : भगत चावला
संत मंदिर डेरा संत बाबा बग्गू भगत सांझा दरबार में वीरवार की सुबह की सप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। डेरा सेवा संभाल कमेटी के प्रधान गद्दी नशीन भगत शम्मी चावला द्वारा आयोजित इस सत्संग में उनके पुत्र गगनदीप चावला समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। सत्संग की शुरूआत डेरे की प्रचलित मरियादा अनुसार भगत द्वारा अरदास औ
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
संत मंदिर डेरा संत बाबा बग्गू भगत, सांझा दरबार में वीरवार की सुबह की सप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। डेरा सेवा संभाल कमेटी के प्रधान गद्दी नशीन भगत शम्मी चावला द्वारा आयोजित इस सत्संग में उनके पुत्र गगनदीप चावला समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
सत्संग की शुरुआत डेरे की प्रचलित मरियादा अनुसार भगत द्वारा अरदास और डेरा संस्थापक बृहमलीन संत बाबा बग्गू भगत जी की पवित्र मूर्ति की चरन वंदना करके की गई। सबसे पहले भगत ने संगत को विस्तार पूर्क वीरवार की कथा सरवण करवाई इस पर चलने की प्रेरना दी।
उन्होंने कहा कि हर मनुष्य को अपना मन और स्वयं को शांत रखना चाहिए। कभी भी किसी से गुस्सा अथवा ईष्र्या नहीं करना चाहिए। जिन व्यक्तियों के मन में शांति होती है उनको अलोकिक आनंद मिलता है। मन की शांति ही संतुष्टि का असल आधार होती है। भगत ने आगे फरमाया कि भले पुरूषों और संतों की संगत से मन को शांति मिलती है। सत्संग में संतों की संगत और अच्छे इंसानों से मेल मिलाप होता है। हम सभी को सत्संग में शांत मन और एकाग्र चित्त होकर बैठना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मन शांति है तो सभी दुनिया खुश लगती है।
डेरा कमेटी के चीफ आर्गेनाइजर जगदीश राय ढोसीवाल ने बताया है कि सत्संग अंत में भगत द्वारा इलाके की सुख, शांति व सबके भले कि लिए अरदास की गई तथा संगत लिए लंगर वितरित किया गया।