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नवरात्र में मां के वाहन का विशेष महत्व : पं. जोशी

2021 चैत्र नवरात्र व नव संवत 207

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 03:08 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 03:48 PM (IST)
नवरात्र में मां के वाहन का विशेष महत्व : पं. जोशी
नवरात्र में मां के वाहन का विशेष महत्व : पं. जोशी

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब

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2021 चैत्र नवरात्र व नव संवत 2078 का प्रारंम्भ 13 अप्रैल (मंगलवार) से हो रहा है। इस बार नए संवतसर का नाम राक्षस है जबकि इस संवत का राजा व मंत्री दोनों मंगल होंगे। मंगलवार से नववर्ष व नवरात्र प्रारंम्भ होंगे। इस बार मां अश्व पर सवार होकर आ रही हैं। नवरात्र में मां के वाहन का विशेष महत्व है। ज्योतिष अनुसार मां के वाहन से सुख समृद्धि का पता चल जाता है। अश्व की सवारी का अर्थ है प्रकृतिक आपदाएं, सत्ता में उथल-पुथल जैसी विपदा आ सकती हैं। यह जानकारी गांधी नगर में आयोजित कार्यक्रम दौरान पं. पूरन चंद्र जोशी ने नवरात्र के उपलक्ष्य में दी।

उन्होंने बताया कि चैत्र नवरात्र घटस्थापना 13 अप्रैल को की जाएगी। घटस्थापना का मुहूर्त 13 अप्रैल 2021 दिन मंगलवार सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:36 बजे से 12:24 बजे तक अमृत मुहूर्त दोपहर 11:50 बजे से 01:25 बजे तकचैत्र नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां भगवती की पूजा का उत्सव चलता है।

नवरात्र में माता जी की अखंड ज्योति यदि देसी गाय के घी से जलाई जाए तो यह माता जी को बहुत प्रसन्न करने वाला कार्य होता है। अगर गाय का घी नहीं है तो अन्य घी से माता की अखंड ज्योति पूजा स्थान पर जरूर जलानी चाहिए। नवरात्र में एक बात का विशेष ध्यान सभी को रखना चाहिए कि यदि आप व्रत कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं लेकिन इन नौ दिनों में हर व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। घर में यदि कोई व्यक्ति व्रत नहीं भी रख रहा है तब भी उसके लिए बनने वाला भोजन सात्विक हो। नौ दिनों तक घर में छौंक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। नवरात्र में घर के अन्दर लहसुन और प्याज प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। न कटवाएं नाखून व बाल माता के नौ दिनों की भक्ति वाले दिनों में, मनुष्य को मांस और मदिरा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। नवरात्र में प्रतिदिन व्यक्ति को माता जी के मंदिर में जाकर, माता जी का ध्यान करना चाहिए और अपने एवं परिवार की खुशहाली की प्रार्थना माता जी से करनी चाहिए। यदि आप घर पर ही हैं और बाहर नहीं जाना है तो आपको स्वछता की ²ष्टी से नंगे पैर रहना चाहिए। साथ ही सा़फ और पवित्र कपड़ों का ही प्रयोग करना चाहिए।


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