Move to Jagran APP

चार माह से 11235 किसानों की सब्सिडी अटकी

सरबजीत ¨सह श्री मुक्तसर साहिब कृषि विभाग की ओर से किसानों को गेहूं के बीज पर इस बार दी जाने वाली सब्सिडी चार माह बीत जाने पर भी नहीं मिल पाई है। जिस कारण जहां किसानों में रोष पाया जा रहा है वहीं पर ही किसानों का आर्थिक नुकसान भी हुआ है। किसानों ने अपनी घर में रखी हुई गेहूं को छोड़कर विभाग से प्रवानित बीज की खरीद की थी ताकि झाड़ अधिक होगा। लेकिन इस बार किसानों को गेहूं के झाड़ से पहले ही नुकसान झेलना पड़ रहा है। किसान बार बार विभाग के कार्यालय के जहां चक्कर काट रहे हैं वहीं पर ही छोटे किसान कु

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 05:34 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 05:34 PM (IST)
चार माह से 11235 किसानों की सब्सिडी अटकी
चार माह से 11235 किसानों की सब्सिडी अटकी

सरबजीत ¨सह, श्री मुक्तसर साहिब

loksabha election banner

कृषि विभाग की ओर से किसानों को गेहूं के बीज पर इस बार दी जाने वाली सब्सिडी चार माह बीत जाने पर भी नहीं मिल पाई है। इस कारण जहां किसानों में रोष है।

किसानों ने अपनी घर में रखी गेहूं को छोड़कर विभाग से प्रवानित बीज की खरीद की थी, ताकि झाड़ अधिक होगा। लेकिन इस बार किसानों को गेहूं के झाड़ से पहले ही नुकसान झेलना पड़ रहा है। किसान बार-बार विभाग के कार्यालय के जहां चक्कर काट रहे हैं, वहीं पर ही छोटे किसान कुछ अधिक परेशान दिखाई दे रहे हैं।

कृषि विभाग की ओर से केंद्र सरकार की फूड सिक्योरिटी एक्ट के अधीन सब्सिडी स्कीम में पांच एकड़ से कम फसल वाले प्रति किसान को दो ¨क्वटल गेहूं का बीज दिया गया था। यह बीज किसान को 3 हजार रुपये प्रति ¨क्वटल के हिसाब से दी गई थी। जिसमें से किसानों को प्रति ¨क्वटल एक हजार रुपये सब्सिडी दी जानी थी। यह बीज किसान को कृषि विभाग का जारी किया फार्म भरने के बाद मिलना था। इस बार विभाग को 11235 आवेदन मिले थे। जिनमें सभी को ही 22470 ¨क्वटल बीज दिया गया है। जगदेव ¨सह कानियांवाली का कहना था कि पहलां तां इक्क महीने बाद ही सब्सिडी आ जांदी सी, पर ऐतकी तां कणक वी पक्कन ते आई पई आ। सब्सिडी दा कोई मूंह सिर ई नी बनदा। असीं तां 15 सौ वाली घरे पई कणक छड के महंगी कणक खरीदी सी।

2 करोड़ 24 लाख 70 रुपये बकाया है सब्सिडी

किसानों को दी गई गेहूं की सब्सिडी करीब दो करोड़ 24 लाख 70 हजार रुपये बनती है। प्रति किसान करीब एक या दो हजार रुपये तक सब्सिडी दी जानी है। अधिकतर किसान ऐसे भी हैं जिन्हें विभाग से बीज न लेकर अपना घर में रखा हुआ बीज ही बोइया था। किसान जगदेव ¨सह कनियांवाली, निर्मल ¨सह जस्सेआणा, सुखदेव ¨सह बूड़ा गुज्जर व जरनैल ¨सह रोड़ांवाला का कहना है कि सरकार की ओर से दिया गया गेहूं का बीज उन्हें 3 हजार रुपये प्रति ¨क्वटल के हिसाब से पड़ता है, जबकि घर में पड़ी गेहूं उन्हें 15 सौ रुपये प्रति ¨क्वटल पड़ती है। इस तरह से किसानों का आर्थिक नुकसान हुआ है। इनसेट

अभी तक नहीं आया कोई पैसा : कृषि अधिकारी

कृषि अधिकारी बल¨जदर ¨सह बराड़ का कहना है कि कृषि विभाग की ओर से दिया जाने वाला बीज प्रवानित होता है। जिसे यूनिवर्सिटी की ओर से पास किया गया होता है। यह बीज कुछ महंगा अवश्य होता है, लेकिन इससे किसानों की फसल का झाड़ अधिक होता है। यह बीज आरकेवीवाई (राष्ट्रीय कृषि विज्ञान योजना) के अधीन दिया गया था। जोकि केंद्र की योजना है। लेकिन अभी तक केंद्र की ओर से इसका एक भी पैसा नहीं भेजा गया है। उन्होंने पैसे की मांग की है जैसे ही पैसे आएंगे किसानों के खाते में डाल दिए जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.