रिश्तों का महत्ता कम होने से जीवन बना तनावपूर्ण : प्रदीप रश्मि
रिश्ते जीवन के सच्चे पर्व होते हैं जिसके कारण से जीवन में मधुरता आती है।
संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)
रिश्ते जीवन के सच्चे पर्व होते हैं जिसके कारण से जीवन में सरसता मधुरिता जीवंतता और प्रसन्नता बनी रहती है। आज रिश्तो की महत्ता जितनी कम हुई उतना ही जीवन तनावपूर्ण हुआ है, व्यक्ति की हंसी खोई है। यह विचार पंजाब सिंहनी प्रदीप रश्मि जी महाराज साहब ने एसएस जैन सभा में श्रद्धालुओं से प्रवचन करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि भैया दूज का त्योहार बहन भाई की जीवंत रिश्ते का प्रतीक है। भगवान महावीर के निर्माण के पश्चात बड़ा भाई नंदीवर्धन शोक मगन हो गए। वे दिन तक भूखा प्यासा बैठे रहा। बहन सुदर्शना को जब पता चला तू बहन भाई के दुख को दूर करने के लिए नंदीवर्धन के पास पहुंची । प्यार और स्नेह से भाई को समझाया, तिलक कर भोजन कराया और उसका शोक निवारण किया। वही सच्ची बहन होती है जो भाई के दुख को बर्दाश्त न कर पाए और उसे दूर करने में अपनी सर्वशक्ति लगादे और वही सच्चा भाई होता है जो बहन के जीवन के हर बोझ को समाप्त कर दे। बहन भाई का रिश्ता कुदरत द्वारा दिया गया सुरक्षा कवच होता है। मुसीबत आने पर बहन भाई के लिए रक्षा कवच बन जाती है और भाई बहन के लिए सुरक्षा कवच बन जाता है। बहन भाई का रिश्ता इंसान को कुदरत द्वारा दिया गया अनमोल तोहफा है। इस तोहफे को निष्ठा से संभाल कर रखना चाहिए। इस अवसर पर एसएस जैन सभा के अध्यक्ष प्रवीण जैन कोषाध्यक्ष रमेश जैन धर्मवीर जैन सुरेश जैन बिहारी लाल जैन आनंद जैन लाली गगनेजा अमृतलाल जी सुनील गर्ग श्री विजय कुमार आदि लोग उपस्थित थे।