मुआवजे मिलने तक जारी रहेगा संघर्ष
राज्य सरकार को भ्रम है कि किसान और मजदूर निराश होकर धरना खत्म कर देंगे।
जागरण संवाददाता, लंबी (श्री मुक्तसर साहिब)
राज्य सरकार को भ्रम है कि किसान और मजदूर निराश होकर मोर्चा छोड़कर वापस घरों को लौट जाएंगे जबकि वास्तव में मोर्चा में शामिल किसानों और मजदूरों में राज्य सरकार की चुप्पी के खिलाफ रोष और तीखा हो रहा है। राज्य सरकार ने अगर इसी तरह से चुप्पी धारण किए रखी तो वह जन आक्रोश का सामना करने के लिए तैयार रहे। यह बात भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के हरजिदर सिंह बग्गी, गुरबाज सिंह तथा गुरपाश सिंह सिघेवाला ने गांव बादल में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के निवास के आगे चल रहे किसानों के धरने को संबोधित करते हुए कही।
गुलाबी सुंडी तथा बरसात से बर्बाद हुई नरमा की फसल का मुआवजा देने की मांग को लेकर किसानों का धरना रविवार को 13वें दिन में पहुंच गया। प्रदर्शनकारी नरमा की बर्बाद हुई फसल का 60 हजार रुपये प्रति एकड़ तथा नरमा की चुगाई करने वाले मजदूरों को 30 हजार रुपये प्रति परिवार मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा नरमा का नकली बीज और नकली कीटनाशक दवाएं बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
धरने में किसान नेता नरमे की फसल बर्बाद होने पर खुदकुशी कर चुके किसानों के परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा दस लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग भी कर रहे हैं। मृत किसानों का समूचा कर्ज माफ करने की मांग भी की।
इस मौके पर परमजीत कौर पिथो, कुलदीप सिंह कोठा गुरू, बेअंत कौर पथराला, राम सिंह कोटगुरू, बिक्रम जीत सिंह पूहला, छात्र नेता मुरली कुमार, मनप्रीत सिंह सिघेवाला, मुलाजिम नेता जगजीत सिंह बराड़ तथा खेत मजदूर नेता रामपाल सिंह गग्गड़ ने भी धरने को संबोधित किया।