पार्किंग की जगह पर रेहड़ी वालों ने का कब्जा
वैसे तो शहर के किसी मोहल्ले या बाजार की ऐसी सड़क नहीं होगी, जहां लोगों ने बेखौफ होकर अतिक्रमण न किए हों। शहर का कोई ऐसा फुटपाथ नहीं है, जहां रेहड़ी, फड़ी जा दुकानदारों ने अतिक्रमण न किए हो।
राबिन खेड़ा, श्री मुक्तसर साहिब
वैसे तो शहर के किसी मोहल्ले या बाजार की ऐसी सड़क नहीं होगी, जहां अतिक्रमण न हों। शहर का कोई ऐसा फुटपाथ नहीं है, जहां रेहड़ी, फड़ी जा दुकानदारों ने अतिक्रमण न किए हों।
शहर के मुख्य घास मंडी चौक के साथ चारों सड़कों पर अतिक्रमण ही अतिक्रमण हैं। नेहरू चौक, घास मंडी के साथ मुख्य बाजार में धन्नु मल स्ट्रीट तक सड़क के दोनों ओर 15 से 20 -20 फुट तक दुकानों के आगे अतिक्रमण किए गए हैं। सड़क के बीचों बीच वाहन खड़े करने वाले स्थान पर भी सामान बेचने के बड़े बड़े स्टाल लगे हुए हैं। इन स्टालों के ऊपर धूप से बचाने के लिए तिरपालें अलग लगा रखी है। अतिक्रमण करने वालों को राहगीरों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है। हालात यह हैं कई जगह तो रिक्शा भी नहीं निकल पाती। इस स्थिति में लोगों को यहां से निकलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
शहर में सबसे अधिक समस्या घास मंडी में है जहां पर दुकानदारों की ओर से सबसे अधिक कब्जे किया गए हैं। इस जगह पर प्रशासन की ओर से दुकानदारों को अपनी व्हीकल खड़े करने के लिए बीच की जगह दी गई थी। ताकि ट्रैफिक की समस्या न हो। लेकिन व्हीकल खड़े करने वाली जगह पर कुछ लोगों ने अपनी रेहड़ी जमा रखी है। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के कहने पर भी यह रेहड़ी नहीं हटाई जाती। यदि कोई ट्रैफिक कर्मी उन्हें हटाने के लिए कहता है तो उस पर रेहड़ी वाले अपनी पहुंच की धौंस जमाते हुए उल्टा उसी पर रोब झाड़ते हैं। ट्रैफिक पुलिस भी बेबस नजर आ रही है। क्योंकि उन्हें सख्ती के साथ निर्देश नहीं मिल रहे हैं। इसके अलावा कुछ दुकानदार सामान उतारने के लिए यहां पर व्हीकल खड़े कर लेते हैं। जोकि ट्रैफिक में सबसे अधिक बाधा बनते हैं। इनसेट
अतिक्रमण हटाना नगर कौंसिल का काम : सुखदेव सिंह
ट्रैफिक अधिकारी सुखदेव ¨सह का कहना था कि रेहड़ी वाले तो उनके अधीन नहीं आते। अतिक्रमण हटाना या रेहड़ी हटाना तो नगर कौंसिल का कार्य है। वह तो ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू ढंग से चला सकते हैं। इनसेट
चुनाव के बाद शुरू होगी कार्रवाई : ईओ
नगर कौंसिल के ईओ बिपिन कुमार का कहना था कि उनकी पहले बदली हो गई थी। अब उन्हें वापस आए कुछ ही दिन हुए हैं। चुनाव के बाद इसके खिलाफ मुहिम शुरु की जाएगी।