Move to Jagran APP

सर्दी बढ़ने के बावजूद हर रोज मिल रहे डेंगू के आधा दर्जन मरीज

सर्दी बढ़ने के साथ बेशक जिले में डेंगू का प्रकोप काफी कम हो गया है लेकिन मरीज लगातार मिल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 04:10 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 05:05 PM (IST)
सर्दी बढ़ने के बावजूद हर रोज मिल रहे डेंगू के आधा दर्जन मरीज
सर्दी बढ़ने के बावजूद हर रोज मिल रहे डेंगू के आधा दर्जन मरीज

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

loksabha election banner

सर्दी बढ़ने के साथ बेशक जिले में डेंगू का प्रकोप काफी कम हुआ है, लेकिन अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। अभी भी जिले भर से जहां हर रोज करीब आधा दर्जन मरीज मिल रहे हैं, वहीं सार्वजनिक स्थानों से लगभग दस स्थानों से डेंगू का लारवा मिलने का भी सिलसिला जारी है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहले की तरह ही लोगों को जागरूक करने में भी लगी हुई हैं व डेंगू का लारवा तलाश करके उसे नष्ट करने में जुटी हैं।

वैसे तो डेंगू के कुछ केस जुलाई में ही मिल गए थे। लेकिन खास तौर पर बीते अगस्त माह में डेंगू फैलना शुरू हो गया था। नवंबर के अंत तक इसने जिले के लोगों को बेहाल करके रख दिया। सितंबर में डेंगू ने जिले भर में अपने पांव पसार लिए थे। जबकि अक्टूबर में सर्वाधिक केस बढे। नवंबर में भी लगभग वही स्थिति बनी रही। सितंबर में जो संख्या 337 थी वह अक्टूबर में 881 पर पहुंच गई। नवंबर में भी 717 लोग डेंगू के डंक का शिकार हुए। अक्टूबर और नवंबर में लगभग एक समान डेंगू का प्रकोप रहा लेकिन मुक्तसर और मलोट में सर्वाधिक केस पाए गए। मलोट में तो अक्टूबर में पांच लोगों की जान जा चुकी है। जिसमें एक बच्चा, एक गर्भवती महिला, दो बुजुर्ग व एक नौजवान भी इसकी भेंट चढ़ा।

अक्टूबर में श्री मुक्तसर साहिब में 409, मलोट में 330 व गिद्दड़बाहा 41 मरीज मिले। नवंबर में मुक्तसर में 405, मलोट में 190 तथा गिद्दड़बाहा में 19 लोगों को डेंगू ने डंक मारा। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि सर्दी बढ़ने के साथ डेंगू कम हुआ है। क्योंकि सर्दी में डेंगू का लारवा मर जाता है परंतु भी फिर आधा दर्जन के करीब लोग अभी डेंगू की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहले की तरह ही ड्यूटी पर तैनात हैं। इनसेट

पशुओं की टंकियों व पक्षियों के कटोरों से मिल रहा लारवा

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले भर में अभी भी 30 टीमें मैदान में हैं। जोकि घरों के अलावा सार्वजनिक स्थानों से डेंगू का लारवा तलाश करने और उसे नष्ट करने में लगी हुई हैं। अब बेशक घरों से लारवा मिलना लगभग बंद हो गया है, परंतु सार्वजनिक स्थानों से अभी भी लारवा मिल रहा है। हर रोज करीब 10 स्थानों से लारवा मिल रहा है। यह लारवा लोगों की तरफ से पशुओं के पीने के लिए बनाई पानी की टंकियों तथा पक्षियों के लिए रखे हुए पानी के कटोरों से मिल रहा है। जिसे तुरंत नष्ट किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.