चार गांवों को पराली की संभाल के लिए गोद लिया
कृषि विज्ञान केंद्र गोनियाना द्वारा धान की पराली की साभ संभाल संबंधी पांच दिवसीय सिखलाई कोर्स संपन्न हाचे गया। सिखलाई के अंतिम दिन गांव लोहारा के 25 किसानों ने भाग लिया। इस सिखलाई कोर्उ में डॉ. एनएस धालीवाल, एसोसिऐट डायरेक्टर केवी ने बताया कि जिले भर में चार गांवों को पराली की संभाल संबंधी गोद लिया गया है। जिसके तहत यह सिखलाई कोर्स का आयोजन किया गया। उन्होंनें हैपी सीड मशीन के प्रयोग से औसतन 400-500 रुपये प्रति एकड़ तक का खर्च कम हो जाता है।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब : कृषि विज्ञान केंद्र गोनियाना द्वारा धान की पराली की संभाल संबंधी पांच दिवसीय सिखलाई कोर्स संपन्न हो गया। सिखलाई कोर्स के अंतिम दिन गांव लोहारा के 25 किसानों ने भाग लिया। इस सिखलाई कोर्स में डॉ. एनएस धालीवाल, एसोसिऐट डायरेक्टर केवी ने बताया कि जिले भर में चार गांवों को पराली की संभाल संबंधी गोद लिया गया है। जिसके तहत यह सिखलाई कोर्स का आयोजन किया गया। उन्होंनें हैपी सीड मशीन के प्रयोग से औसतन 400-500 रुपये प्रति एकड़ तक का खर्च कम हो जाता है। जोकि नदीन नाशक की खरीद पर आता था। हैपी सीडर मशीन से धान की पराली के लगातार जमीन में ही मिलने कारण जमीन के भौतिक गुणों में सुधार होने तथा फसल पर बुरे पानी का असर भी कम हुआ है। इस सिखलाई दौरान पीएयू से आए डॉ. जसवीर ¨सह सहायक प्रो. (फसल विज्ञान) ने धान की पराली की संभाल लिए प्रयोग होने वाली मशीन जैसे कि हैपी सीडर, चौपर, मलचर, एमबी, पलाओ, जीरो टिल ड्रिल, बेलर बारे जानकारी दी। उन्होंने नदीन प्रबंध, पानी प्रंबंध बारे भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। डॉ. कर्मजीत शर्मा ने सबको सब्जियों की घरेलू बगीची बनाने लिए प्रेरित भी किया। डॉ. गुरप्रीत ¨सह खेतीबाड़ी अधिकारी तथा किसान विभाग मुक्तसर ने पराली की संभाल संबंधी मशीनों पर सब्सिडी बारे भी बताया। सिखलाई में शामिल हुए किसानों द्वारा इस संबंधी काफी सवाल किए गए तथा माहिरों द्वारा मौके पर ही जबाव दिए गए।