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लिक सड़कें सील, डिजिटल स्क्रीनिग शुरू

मुक्तसर में प्रशासन ने लिंक रोड को सील कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 04:15 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 04:15 PM (IST)
लिक सड़कें सील, डिजिटल स्क्रीनिग शुरू
लिक सड़कें सील, डिजिटल स्क्रीनिग शुरू

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब : जिले के साथ सटे क्षेत्रों में कोरोना के मरीजों की आशंका के चलते प्रशासन की ओर से बचाव के चलते मुक्तसर को आने वाली सभी लिक सड़कों को सील कर दिया गया है, ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति शहर में प्रवेश न कर सके। शहर के कई मोहल्लों के जागरूक लोगों ने अपने-अपने क्षेत्रों में नाके लगाकर रास्ते सील कर दिए हैं ताकि कोई बाहरी व्यक्ति न आ सके। वहीं मंगलवार को कई मोहल्लों के पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों के गली-मोहल्लों के मेन गेटों को बंद करवा दिया। डिप्टी कमिश्नर एमके अराविद कुमार व एसडीएम ओम प्रकाश की हिदायत पर गांव भलाईआणा में बठिडा जिले की हद में से आने वालों की डिजिटल स्क्रीनिग शुरू कर दी गई है।

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एसएमओ डॉ. रमेश कुमारी ने बताया कि हर व्यक्ति को जिला मुक्तसर में दाखिल होगा। उसके शरीर के तापमान की जांच डिजिटल इन्फ्रारेड थर्मामीटर से की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई हैं जो 24 घंटे जिले में आने वाले लोगों की स्क्रीनिग करेंगे। उन्होंने लोगों से कोरोना से बचाव के लिए घरों पर ही रहने की अपील की है। इस मौके फार्मेसी अफसर राजिदर कुमार, जोगिदर सिंह, सुखमंदर सिंह, बलदेव सिंह, हरकेश, गगनदीप कौर, करमजीत कौर मौजूद थे।

मोहल्ले बंद करने को लेकर हो रही लड़ाई

मोहल्ले बंद करने को लेकर लड़ाई भी शुरु हो गई हैं। सोमवार की रात को गोनियाना रोड की गली नंबर नौ व 10 के दो पक्ष आपस में भिड़ गए। गली नंबर 10 के कुछ लोग बार बार गली में आ रहे थे और बाहर से कुछ लोगों को साथ लेकर आते थे। जब उन्हें रोका तो उन्होंने रुकावट ही उखाड़ दिया। इस बात को लेकर दोनों में बहस हुई जिसके बाद एक गुट ने दूसरे गुट के व्यक्ति के सिर पर लाठी से वार कर दिया। जिसे मलोट रोड पर मिशन अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहा पर डाक्टरों ने पट्टी करने केबाद उसे छुट्टी दे दी। इनसेट

प्रशास को सहयोग दें लोग : डीसी

डिप्टी कमिश्नर एमके अराविद कुमार ने कहा है कि लोग प्रशासन को सहयोग दें ताकि इस वैश्विक महामारी को खत्म किया जा सके। चीफ मेडिकल अफसर हरी नारायण ने बताया कि डॉक्टरों की टीम की ओर से चौबीस घंटे संदिग्ध मरीजों पर नजर रखी जा रही है।


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