घर के पास मिलेगी इलाज की मुफ्त सुविधा
स्वास्थ्य विभाग ने नशामुक्ति कार्यक्रम को मजबूत करते हुए जिले में 1ज ओट सेंटर खोले गए हैं।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
स्वास्थ्य विभाग ने नशामुक्ति कार्यक्रम को मजबूत करते हुए जिले में 11 और नए ओट सेंटर शुरू किए हैं। सिविल सर्जन डा. रंजू सिगला ने वीरवार को गांव हरिके कलां में नए शुरू हुए ओट सेंटर का निरीक्षण किया।
उन्होंने सेंटर पर नशा छोड़ने वाली दवा लेने आने वाले लोगों से बातचीत की और कर्मचारियों को निर्देश दिए कि आम जनता को कोई असुविधा न हो। सर्जन ने कहा कि डीसी विनीत कुमार के मार्गदर्शन में जिले में 11 नए केंद्र शुरू किए गए हैं। पंजाब सरकार नशीले पदार्थों को जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसलिए ये नए ओट सेंटर नशा करने वालों के लिए उनके आवास से 5 से 10 किमी के दायरे में आसानी से इलाज की सुविधा प्राप्त करने के लिए वरदान साबित होंगे। उन्होंने कहा कि जिले में नशा करने वालों को समाज की मुख्य धारा में लाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। जिले में पहले से ही आठ ओट सेंटर चल रहे हैं जिनमें सिविल अस्पताल श्री मुक्तसर साहिब, मलोट, गिद्दड़बाहा, बादल और सीएचसी शामिल हैं। नशा करने वालों को उनके घरों के पास नि:शुल्क इलाज की सुविधा को ध्यान में रखते हुए चक शेरेवाला, दोदा, आलमवाला एवं जिला जेल तथा 11 नये केंद्र खोले गये हैं। इसके साथ ही जिले में ओट केंद्रों की संख्या 19 हो गई है।
नए खुले ओट केंद्रों में श्री मुक्तसर साहिब और मलोट में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कनियावाली, बालमगढ़, हरिके कलां, सिघेवाला, कंदूखेड़ा, महूआना और सीएससी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। इसमें बरीवाला, लंबी और सरावां बोदला शामिल हैं। इन सभी केंद्रों में पंजीकृत नशा करने वालों को नशा छोड़ने की नि:शुल्क दवा दी जा रही है। इस मौके पर डा. सुनील बंसल ने कहा कि नशा करने वाले जो किसी भी केंद्र पर पंजीकृत हैं, वे उपरोक्त किसी भी केंद्र से दवा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन ओट सेंटरों पर नशा करने वालों को 14 दिन तक मुफ्त दवा दी जाएगी ताकि वे नशा छोड़कर अपना काम कर सकें। नशा करने वाले को पहली बार सिविल अस्पताल श्री मुक्तसर साहिब या मलोट में रजिस्ट्रेशन के लिए जाना होगा। उसके बाद वे किसी भी नजदीकी जई केंद्र से मुफ्त दवा प्राप्त कर सकते हैं।
इस मौके डा. कुलतार सिंह, डा. सिमरजीत, शिवपाल सिंह, मनजिदर कौर व बेअंत कौर मौजूद थे।