पशु मेले में पहुंचे मात्र 24 सौ जानवर
शहर में जहां मलोट रोड पर मनोरंजन मेला लगता है।

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
शहर में जहां मलोट रोड पर मनोरंजन मेला लगता है। वहीं गुरुहरसाए रोड पर गांव लंबी ढाब के पास मुक्तसर से करीब छह किलोमीटर दूर हर साल माघी पर विशाल पशु मेले का भी आयोजन किया जाता है। जहां पर पंजाब व अन्य राज्यों से भी पशुपालक और व्यापारी पहुंचे हैं। पहले के मुकाबले अब इस पशु मेले में जानवरों की संख्या कम होती जा रही है। पहले विभिन्न तरह के करीब सात से आठ हजार तक पशु पहुंचते थे। जबकि इस बार इस मेले में 2400 जानवर ही आए हैं।
पशु मेले में अमृतसर से भारद्वाज एंड सिंह स्ट्ड फार्म की ओर से अपने सात घोड़े घोडियों के साथ पहुंचे। पवन भारद्वाज, सतवीर सिंह, तरुनदीप सिंह, गोरेशाह व सन्नी ने बताया कि पशु मेले पहले के मुकाबले अब काफी फीके रहते है। भारद्वाज ने बताया कि पहले घोड़े घोड़ियों के अलावा बछेरे, बछेरियां, खच्चर व उंट भी बहुत ज्यादा होते थे। लेकिन इस बार पशु मेले में मात्र तीन-चार उंट ही दिखाई दिए है। गाय, भैंस, भैंसें, बकरे- बकरियां तो पूरे मेले दौरान दिखाई ही नहीं दिए। जानवरों को बाहर से लाने में बहुत खर्च आता है। जिसमें ट्रांसपोर्ट का आने जाने का खर्च, मेला ग्राउंड में जमीन व टैंट का किराया पशु लेकर आने वाले की जेब पर ही पड़ता है। उनके पशु बिके या न बिके। यह पशु मेला 18 जनवरी तक चलेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि पशु पालकों को उत्साहित करने के लिए मेला ग्राउंड में पहुंचने वाले पशुओं के लिए जगह, टैंट, लंगर व पशुओं के लिए चारा निशुल्क होना चाहिए।
Edited By Jagran