बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण कराने की अपील
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिविल सर्जन के कार्यालय में राष्ट्रीय टीककर टास्क फोरम की बैठक हुई।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिविल सर्जन के कार्यालय में राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत अर्बन टास्क फोरम की बैठक का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता सिविल सर्जन डा. रंजू सिगल ने की। इस दौरान जिला टीकाकरण अधिकारी डा. वंदना बांसल, डा. सतविदर भगत, डा. सतीश गोयल एसएमओ मुक्तसर, रश्मी चावला एसएमओ मलोत, डा. प्रभजोत कौर एमओ, दीपक कुमार डीपीएम, शिवपाल सिंह डीसीएम, सुखमंदर सिंह जिला मास मीडिया अधिकारी, रविदर ग्रोवर के अलावा समाज सेवा संगठनों के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
डा. रंजू सिगला ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान टीकाकरण से वंचित बच्चों का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। जो बच्चे पीछे छूट गए हैं या जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, उनकी सूची तैयार की जाएगी और विशेष बच्चों और गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों के सहयोग से टीकाकरण शिविर लगाए जाएंगे।
एसएमओ डा. मेगा प्रकाश ने बताया कि भारत सरकार का लक्ष्य 99 प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण प्राप्त करना है, जबकि हमारे देश में पूर्ण टीकाकरण दर 84 प्रतिशत और पंजाब की दर 78 प्रतिशत है। कोरोना महामारी के दौरान पंजाब में टीकाकरण में 13 प्रतिशत की गिरावट आई है। डा. वंदना बांसल ने बताया कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 11 घातक बीमारियों के उन्मूलन के लिए सरकार बच्चों को इस बीमारी के खिलाफ टीका लगा रही है और गर्भवती माताओं को भी गर्भावस्था के दौरान टीका लगाया जा रहा है। गर्भवती माताओं को टीकाकरण कार्ड जारी किए जाते हैं। कार्ड में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए टीकाकरण का समय और समय सूचीबद्ध है।सभी टीकाकरण इस कार्ड में दी गई सूची के अनुसार किए जाने चाहिए।
डा. वंदना बांसल ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती माताओं को 2 टिटनेस के टीके देकर मां और बच्चे को टिटनेस से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण से बच्चों में हल्का बुखार हो सकता है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को टीकाकरण के महत्व से अवगत कराया और टीकाकरण के बारे में अपने क्षेत्र के लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया। यदि इन बीमारियों से संबंधित कोई मामला सामने आता है तो इसकी नियमित रिपोर्ट तत्काल सिविल सर्जन कार्यालय को दी जानी चाहिए।