सी-विजिल पर अब तक पहुंची 34 शिकायतें, सभी का किया निवारण
जब से चुनाव आचार संहिता लागू हुई है तब से लेकर बीते शनिवार की रात तक चुनाव कमिशन की ओर से जारी की गई सी-विजिल एप पर कुल 34 शिकायतें अपलोड हुईं
जासं, श्री मुक्तसर साहिब : विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में जब से चुनाव आचार संहिता लागू हुई है, तब से लेकर बीते शनिवार की रात तक चुनाव कमिशन की ओर से जारी की गई सी-विजिल एप पर कुल 34 शिकायतें अपलोड हुईं। जिनका एप की मानिटरिग के लिए तैनात अधिकारी एक्सईएन अमृतदीप सिंह भट्ठल ने संबंधित आरओ को भेजकर निपटारा करवा दिया है। इस एप को मानिटर करने के लिए जिले में चार टीमों का गठन किया गया है, जिसमें 35 कर्मचारी तैनात हैं। इन सभी कर्मचारियों की शिफ्ट वाइज ड्यूटी होती है।
वर्ष 2019 में लांच हुआ था सी-विजिल
उल्लेखनीय है कि इस एप को चुनाव आयोग ने तीन साल पहले वर्ष 2019 में लांच किया था, ताकि चुनावों में होने वाली गड़बड़ियों को रोका जा सके। इसकी मदद से वोटर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दे सकते हैं। एप पर शिकायत करने के लिए यूजर को स्मार्टफोन के कैमरे व जीपीएस एक्सेस की जरूरत होती है। एप पर कर सकता है कोई भी शिकायत
चुनाव तारीखों का ऐलान होने के बाद से वोटिग खत्म होने तक, कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत एप के जरिए भेज सकता है।
आचार संहिता के दौरान नेताओं की तरफ से किसी भी तरह के कोई गैरकानूनी दस्तावेज बांटने, भ्रष्टाचार और विवादित बयानों की शिकायत की जा सकती है।
- शिकायतकर्ता जो भी वीडियो या फोटो अपलोड करेंगे वो पांच मिनट के अंदर स्थानीय चुनाव अधिकारी के पास चला जाएगा।
- अगर शिकायत सही है तब 100 मिनट के अंदर ही उस समस्या का समाधान किया जाएगा।
ऐसे इंस्टाल करें
जो लोग सी-विजिल एप से किसी की शिकायत करना चाहते हैं, उन्हें इस ऐप को इंस्टाल करना होगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके लिए शिकायतकर्ता को नाम, पता, राज्य, जिला, विधानसभा व पिनकोड की जानकारी देनी होगी। एक ओटीपी की मदद से इसका वैरिफिकेशन किया जाएगा। अब शिकायत करने के लिए फोटो या कैमरे को सिलेक्ट करें। शिकायतकर्ता दो मिनट तक का वीडियो एप पर अपलोड कर सकता है। फोटो व वीडियो से जुड़ी डिटेल के लिए एक बाक्स भी मिलता है, जहां उसके बारे में लिखा जा सकता है।
लोकेशन का पता लगेगा
चुनाव आयोग के मुताबिक जो फोटो या वीडियो अपलोड किया जाता है, उससे उस जगह की लोकेशन भी पता चल जाती है। फोटा या वीडियो अपलोड होने के बाद यूजर को एक यूनीक आईडी मिलेगी। इसके जरिए वे मोबाइल पर ही फालोअप ट्रैक कर सकते हैं। शिकायतकर्ता की पहचान को गोपनीय रखा जाता है। हालांकि, एप पर पहले से रिकार्ड वीडियो या फोटो अपलोड नहीं कर सकते। इतना ही नहीं, एप से रिकार्ड किए गए वीडियो या फोटो फोन गैलरी में सेव नहीं होंगे।