शहर में फैल रहा कोरोना पर नहीं दिख रहीं सैनिटाइज करने वाली मशीनें
निगम की ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार कथित राजनीतिक लोग अपने वोटरों को सैनिटाइज करते दिख रहे हैं।
राज कुमार राजू, मोगा : शहर में कोरोना संक्रमण जब सीमित था, तब हर कोई बस्ती-बस्ती में सैनिटाइज करता हुआ दिख जाता था। मगर, जैसे ही शहर सेफ जोन से बाहर निकला और संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ने लगी, तो अब सैनिटाइज करने वाली न तो नगर निगम की गाड़ियां दिखाई दे रही हैं और न ही निगम की ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार कथित राजनीतिक लोग अपने वोटरों को सैनिटाइज करते दिख रहे हैं। दो लाख की आबादी वाले शहर में नगर निगम के तीन लोग पीठ पर लादकर स्प्रे करने वाली छोटी मशीन से सैनिटाइज करते दिख रहे हैं। जापान से आईं विशेष मशीनें भी वापस जा चुकी हैं। शहर में कोरोना को लेकर नारा तो मिशन फतेह का लग रहा है, जबकि जमीनी हकीकत इसके विपरीत हैं। बता दें कि जिले में अब तक 20,497 लोगों के टेस्ट हो चुके हैं, जिनमें से 201 लोग संक्रमित मिले हैं और चार की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जब सैनेटाइजेशन की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब सैनिटाइज करने वाले प्रशासन की पूरी मशीनरी हांफने लगी है। निगम के पास सिर्फ हाथ से चलने वाले तीन स्प्रे पंप
नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर विक्रम सिंह का कहना है कि निगम के पास हाथों से चलने वाले तीन स्प्रे पंप हैं, उनसे सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। इससे पहले निगम किसानों से ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर रखकर स्प्रे करने वाले पंप से स्प्रे कर रही थी। मगर, किसानों के साथ ये गठबंधन लंबे समय तक नहीं चल पाया, क्योंकि अब किसानों को भी अपने खेतों में छिड़काव करना पड़ रहा है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग, निगम व प्रशासन ने पहले से मिल रहे संकेतों के बावजूद सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया को बढ़ाने की पहले से कोई तैयारी नहीं की है। भ्रम से फैल रहा भय
बता दें कि पिछले दिनों जब कोरोना संक्रमण के दो दिन में 33 मरीजों की जानकारी आई, तो सेहत विभाग की आरआरटी टीम के कर्मचारी बिना सही पते के संक्रमित व्यक्ति को ढूंढने गलत जगहों पर पहुंच गए। इससे संबंधित इलाकों में टीमों को देखकर लोगों में भय व भ्रम भी फैला है।