रोती महिलाओं का वीडियो वायरल, मारपीट कर कपड़े फाड़ने का आरोप
शहर के बाहर डगरू फाटक के निकट हाईवे पर सुबह मीडिया को दो महिलाओं के रोते हुए वीडियो भेजे गए वीडियो में महिलाएं जोर-जोर से रोती दिख रही हैं वीडियो बनाने वाला व्यक्ति खुद महिलाओं से कहता दिख रहा है कि वो भाग रहे हैं लेकिन वीडियो में भागते हुए किसी व्यक्ति को नहीं दिखाया गया है दिन भर के नाटकीय घटनाक्रम के बाद में दोनों महिलाएं देर शाम को मथुरादास सिविल अस्पताल में भर्ती हो गईं।
जागरण संवाददाता, मोगा : शहर के बाहर डगरू फाटक के निकट हाईवे पर सुबह मीडिया को दो महिलाओं के रोते हुए वीडियो भेजे गए, वीडियो में महिलाएं जोर-जोर से रोती दिख रही हैं, वीडियो बनाने वाला व्यक्ति खुद महिलाओं से कहता दिख रहा है कि वो भाग रहे हैं, लेकिन वीडियो में भागते हुए किसी व्यक्ति को नहीं दिखाया गया है, दिन भर के नाटकीय घटनाक्रम के बाद में दोनों महिलाएं देर शाम को मथुरादास सिविल अस्पताल में भर्ती हो गईं।
महिलाओं का आरोप है कि उन्हें गुरुद्वारा में कुछ लोगों ने मारपीट की, कपड़े फाड़ दिए, जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया। उधर थाना सदर के प्रभारी इंस्पेक्टर कर्मजीत सिंह का कहना है कि मामला गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के विवाद का है। एक दिन पहले दो महिलाओं ने मारपीट की शिकायत की थी, उन्हें आज बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था, लेकिन आज महिलाएं तो नहीं आई।
मथुरादास सिविल अस्पताल में देर शाम को भर्ती हुईं डरोली निवासी महिलाएं वीरपाल कौर व पाल कौर ने बताया कि वे डगरू स्थित गुरुद्वारा तम्मूमल साहिब में पिछले 15 साल से लंगर की सेवा करती थीं। कुछ महीने पहले गुरुद्वारा साहिब की कमेटी बदल गई, उसके बाद उन्हें गुरुद्वारा साहिब में घुसने नहीं दिया जाता। एक दिन पहले उनके साथ मारपीट की गई थी, जिसकी शिकायत उन्होंने थाना सदर में की थी, लेकिन पुलिस ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की थी। शनिवार सुबह उनके साथ मारपीट की गई, कपड़े फाड़ दिए, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। सभी आरोप बेबुनियाद : बलविंदर सिंह
एसजीपीसी के अधीन संचालित हो रहे गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के नए अध्यक्ष बलविंदर सिंह का कहना है कि मामला गुरुद्वारा प्रबंध समिति के विवाद का है, जो महिलाएं मारपीट का आरोप लगा रही हैं असल में वे गुरुद्वारा के लंगर के मुलाजिम रखी हुई थीं, पहली कमेटी के अध्यक्ष उन्हें गुरुद्वारा साहिब का राशन, दूध आदि दे देता था, जिससे संगत के लिए मुश्किल आती थी। नई कमेटी ने ये सब बंद कर दिया था। यही मुख्य मुद्दा है, मारपीट की बात पूरी तरह बेबुनियाद है।